क्या आप भी इयर फोन या ईयर बड्स लगाए रखते हैं…तो जान लें यह कितना खतरनाक हो सकता है
कान में लगे इयरफोन Earphones या ear buds ईयर बड्स से आवाज सीधे कान के बहुत अंदर श्रवण कोशिकाओं जाकर से टकराती हैं। इससे यह कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं। इसके बाद कॉक्लियर तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसके बाद आपके कान में एक ध्वनि पैदा होने लगती है। आपकी भी कई घंटें तक शौकिया हेडफोन लगाए रहने की आदत है तो इसे बदल लें क्योंकि यह बहुत नुकसानदेह है। Earphones इससे बहरापन के शिकार हो सकते है। और नींद उड़ जाती है। कान के अंदर की नाजुक तंत्रिकाएं हेयर सेल्स क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इतना ही नहीं कान में अजीब तरह की आवाजें सुनाई देने लगती हैं जिनकी वजह से अवसाद हो जाता। आइए इस पर विस्तार से समझते हैं।
ऐसे में घंटों तक हेडफोन लगाकर संगीत या अन्य ऑडियो सुनना शौकिया तौर पर आम आदत बन चुकी है। लेकिन इसका लंबे समय में गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं।
हेडफोन से होने वाले नुकसान
श्रवण क्षमता में गिरावट Hearing Loss
हेडफोन से निकली तेज आवाज़ें कान के अंदर मौजूद हेयर सेल्स को नुकसान पहुंचाती हैं। एक बार ये हेयर सेल्स क्षतिग्रस्त हो जाएं, तो वे दोबारा नहीं बनते।
इसका नतीजा होता है — स्थायी बहरापन, विशेषकर युवावस्था में।
टिनिटस Tinnitus
लगातार तेज़ आवाज़ सुनने से कान में सीटी या भनभनाहट जैसी आवाजें सुनाई देती हैं। यह स्थिति मानसिक बेचैनी, अवसाद और नींद की समस्याओं का कारण बन सकती है।
नींद की गड़बड़ी Insomnia
लगातार हेडफोन का उपयोग मस्तिष्क को अत्यधिक उत्तेजित करता है। इससे स्लीप साइकिल circadian rhythm बिगड़ता है, जिससे नींद उड़ जाती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
टिनिटस और नींद की कमी के कारण व्यक्ति तनाव, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन का शिकार हो सकता है।
जोखिम को किस तरह करें कम ?
उपाय विवरण—60/60 नियम
आवाज की तीव्रता को 60% से कम रखें। लगातार 60 मिनट से ज़्यादा न सुनें।
नोइज़-कैंसिलिंग हेडफोन इससे आप कम वॉल्यूम पर भी स्पष्ट सुन सकते हैं।
इयरबड्स की जगह हेडफोन ओवर-ईयर हेडफोन कानों पर कम दबाव डालते हैं।
ब्रेक लें— हर 1 घंटे पर कम से कम 10 मिनट का ब्रेक लें।
सोते समय हेडफोन न लगाएं यह सबसे खतरनाक आदतों में से एक है।
यदि आप या आपके किसी परिचित को निम्नलिखित लक्षण दिखें:
कान में लगातार आवाज़ें (सीटी/भनभनाहट)
सुनाई देने में दिक्कत
बार-बार चक्कर आना
नींद की समस्या हो तो तुरंत ENT (कान, नाक, गला) विशेषज्ञ से संपर्क करें।
दरअसल शौकिया संगीत सुनना ठीक है, लेकिन जब यह आदत अत्यधिक और असावधान हो जाती है, तो यह कानों, नींद और मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। थोड़ी सावधानी और जागरूकता से आप संगीत का आनंद बिना नुकसान के ले सकते हैं।…प्रकाश कुमार पांडेय