Diwali Pooja : दीपावली पर इस तरह करें मां लक्ष्मी की पूजा, जमकर बरसेगा धन

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या तिथि पर ही देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुईं थीं और दिवाली की रात को पृथ्वी भ्रमण पर निकली थीं। दिवाली की शाम को प्रदोष काल के समय लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। इस आर्टिकल में जानें दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का महत्व, पूजा विधि और श्रेष्ठ मुहूर्त।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली की रात को ही माता लक्ष्मी सभी पर अपनी कृपा बरसाती हैं। मान्याताओं के मुताबिक अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी स्वर्ग से सीधे धरती पर आती हैं। जिन घरों में शुद्धि, प्रकाश और विधि-विधान से देवी-देवताओं की पूजा होती है वहां मां लक्ष्मी निवास करती हैं।

सर्वश्रेष्ठ है प्रदोष काल

कार्तिक अमावस्या तिथि पर महालक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। दिवाली पर अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर लक्ष्मी पूजन का विधान होता है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त को कहा जाता है। ये समय लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उत्तम और श्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है।

गणेश-लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

मां लक्ष्मी पूजा विधि

यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं व कैलेंडर पर आधारित हैं।

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