डिस्पोजेबल सैनिटरी पैड जिसे 5 सालों तक कर सकते हैं इस्तेमाल
रूस और यूक्रेन में चल रहे जंग को 19वां दिन हो चुका है. इस हमले में ना जाने कितने मासूमों ने अपने माता-पिता को खोया, तो ना जाने कितनी औरतें विधवा हुई. जंग का खौफ इस तरह से दिल में चोट कर गया है कि लोग देश छोड़कर जाने को मजबूर हो चुके हैं. अब तक कुल 20 लाख से अधिक नागरिक मूल्क को त्याग भी चुके हैं. ऐसे में महिलाओं के साथ अन्य देशों में दूरव्यवहार किया जा रहा है, साथ ही कई जगहों से महिलाओं का शोषण की घटना सामने आई थी. इन सबके बीच कई महिलाओं के मन में यह सवाल भी उठ रहे होंगे कि जंग के दौरान बेघर हुई महिलाएं और लड़कियां पीरियड्स के समय कैसे, क्या उपाय करती होंगी. तो चलिए बताते हैं आपको एक ऐसी महिला के बारे में जिन्होंने इन हालातों में महिलाओं की मदद करने की ठानी और इस तरह से वो उनकी मदद भी कर रही हैं.
1500 वॉलेंटियर्स कर रहे काम
बता दें कि यूक्रेनी महिलाओं के लिए इंग्लैंड के चेम्सफोर्ड की 22 साल की एला लैम्बर्ट ने उनकी मदद का जिम्मा उठाया है. एला यूक्रेन की महिलाओं तक डिस्पोजेबल सैनिटरी पैड पहुंचा रही है. दरअसल एला ने कोरोना काल के दौरान घर में ही पैड बनाने का काम शुरू कर दिया था. जिसके बाद इस अभियान में उनके साथ करीब 1500 लोग काम में जुट गए. इस दौरान 50 हजार से ज्यादा पैड और उसके रैपर तैयार किया. जिसके लिए सारा सामान एला के घर पर ही रखे जाते हैं और उन्हीं के घर से सारे काम किए जाते हैं. इसके लिए एला ने सिस्टमेटिक रूपरेखा तैयार कर रखी है, जिसके तहत सभी वॉलेंटियर्स काम करते हैं. वहीं रोमानिया और मोल्दोवा में यूक्रेनी शरणार्थियों को अबतक 50 हजार से ज्यादा पैड देकर 5 हजार महिलाओं की मदद कर चूंकी हैं.
एक महिला को दिया जाता 4 पैड
डिस्पोजेबल सैनिटरी पैड की एक खासियत है कि इसे पांच सालों तक इस्तेमाल किया जा सकता है. जोकि शरणार्थियों के लिए बहुत मददगार साबित हो रहा है. बता दें कि एक पैड को धोने के बाद उसका दोबारा से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसलिए सभी महिलाओं को 4 पैड दिए जा रहे हैं.