वन नेशन वन इलेक्शन, जेपीसी की बैठक जारी…अब देश भर का भ्रमण करेगी यह संसदीय समिति…इस राज्य से होगी शुरुआत

One Nation One Election

वन नेशन वन इलेक्शन, जेपीसी की बैठक जारी…अब देश भर का भ्रमण करेगी यह संसदीय समिति…इस राज्य से होगी शुरुआत

देश भर में एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर महामंथन जारी है।संसद से इसे लेकर जेपीसी यानी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी का गठन भी किया गया है। जिसकी कई दौर की बैठक हो चुकी है। इसी क्रम में आज मंगलवार 22 अप्रैल को भी जेपीसी की एक अहम बैठक हो रही है।

एक राष्ट्र-एक चुनाव पर संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी की अहम ऒर मैराथन होगी। बैठक सुबह से शाम 5:00 बजे तक चलेगी। इस दौरान कई जाने-माने कानून विशेषज्ञों के साथ मंथन किया जाएगा, बातचीत की जाएगी। वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बुलाई गई यह बैठक कुल चार सत्रों में आयोजित की जाएगी।

वन नेशन वन इलेक्शन One Nation, One Election को लेकर गठित संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी की बैठक से पहले इसके अध्यक्ष पीपी चौधरी की ओर से कहा गया कि सभी लोगों की राय जानने के लिए समिति देशभर का दौरा करेगी। इसकी शुरुआत अगले महीने मई 2025 में महाराष्ट्र से होगी। इसके बाद समिति फिर दूसरे अन्य राज्यों का भी दौरा करेगी। ONOE से जुड़ी वेबसाइट की लॉन्चिंग के मौके पर कहा गया कि इससे सभी पक्षों की राय जानने में सहायता मिलेगी। बता दें ONOE पर आज मंगलवार 22 अप्रैल को जेपीसी की बैठक दिल्ली में हो रही है।

जेपीसी की ओर से राज्यों के दौरे को लेकर पीपी चौधरी ने कहा दरअसल “समिति का यह मानना ​​है कि उसे देश के सभी राज्यों का दौरा करना चाहिए। उन सभी लोगों की राय सुननी चाहिए। यही कारण है कि यह दौरा आयोजित किया जा रहा है। 17 मई से सबसे पहले महाराष्ट्र का दौरा होगा। फिर इसके बाद उत्तराखंड 19 से 21 मई को कवर किया जाएगा। उत्तराखंड के बाद जून में जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ के साथ पंजाब को अलग-अलग कैटेगरी के तहत कवर किया जाएगा।

वन नेशन वन इलेक्शन के बाद कैसे बदलेगी की देश की राजनीति….!

मोदी कैबिनेट से वन नेशन वन इलेक्शन का प्रस्ताव पारित हो गया है। जिस पर अब देश भर में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। वहीं आमजन के मन में कई बड़े सवाल उठ रहे हैं कि किस तरह से एक साथ सभी चुनाव होंगे। क्या एक ही समय पर हम विधायक और सांसद चुनेंगे। एक समय पर दोनों को मत किस तरह से डाले जायेंगे। आम जनता के मन में एक सवाल यह भी है कि वन नेशन वन इलेक्शन किस तरह से देश की अर्थव्यवस्था और राजनीतिक परिदृश्य को बदलेगा।

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