विवाद और घमासान ही शायद राजनीति का दूसरा नाम है। किसी नेता ने कुछ कहा नहीं कि पलटवार शुरु हो जाता है, उसके मायने निकाले जाते हैं। कुछ इसी तरह का एक बयान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह का आया है। उन्होने ऐसा कुछ कह दिया है जिसके कारण,कांग्रेस से लेकर भाजपा तक में हड़कंप मच गया। ये सब इसलिए हुआ कि इसी साल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में तमाम नेताओं को साधना और सभी को एकजुट रखना राजनैतिक चुनौती होती है।
इंदौर में कई मुद्दों पर खुलकर बोले लक्ष्मण
बीते रोज लक्ष्मण सिंह इंदौर में थे। इस दौरान उन्होंने वर्तमान राजनीति पर कई बातों को खुलकर रखा। बजरंग दल को लेकर हो रही सियासत पर उन्होंने कहा कि मेरे विचार से बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है जो देश विरोधी हो। फिर प्रतिबंध की जरूरत क्या है। हॉ यदि कोई हिंसा फैलाता है तो उसके लिए कानून है और पुलिस अपना काम करती ही है। जो लोग राष्ट्र विरोधी काम करते हैं उन प्रतिबंध जरूर लगाना चाहिए। यदि एनआईए को लगता है कि देश विरोधी काम बजरंग दल कर रहा है तो प्रतिबंध लगाइए। जब एनआईए नहीं कह रहा और इनका मुझे कुछ ऐसा देश विरोधी काम नहीं दिखता।
कई सिंधिया समर्थक मेरे संपर्क में हैं
लक्ष्मण सिंह ने कहा कि मुझे इन दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया की बहुत याद आती है। उनके भाजपा में जाने से कांग्रेस को लाभ हुआ है। वो अच्छे वक्ता है और उनके काफी पोटेंशियल है। इसके बाद भी भाजपा में उनकी क्या स्थिति है किसी से छुपी नहीं है। उनके कई समर्थक हमारे संपर्क में है वे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आना चाहते हैं। वजह ये है के सिंधिया चुनाव इसलिए नहीं हारेंगे वे खुद चुनाव नहीं लड़ रहे है लेकिन उनके समर्थक जनता के बीच जा रहे हैं वहां उनकी हालत बहुत खराब है,अधिकांश सिंधिया समर्थक चुनाव हार जाएंगे इसमें कोई शक नहीं है। इसलिए उनके 90 प्रतिशत समर्थक कांग्रेस में आने के लिए उतावले हो रहे हैं।
भाजपा में छिड़ी बहस
लक्ष्मण सिंह के उपरोक्त दावों को लेकर बताया जा रहा है कि भाजपा में भी बहस छिड़ गई है। शंकाऐं जताई जा रहीं है कि कहीं सही में सिंधिया समर्थक वापस कांग्रेस में तो नहीं जा रहे है। ऐसे में माना जा रहा है कि इनकी गतिविधयों पर नजर रखी जा रही है। हालांकि सिंह के बयान पर बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया ने दो टूक कहा कि कांग्रेस की कोई विचारधारा नहीं है। कांग्रेस इस तरह के फैसले और अनर्गल बातें करती है, जो दिशाहीन है।