फिल्मों के गब्बर सिंह का डर तो सबने डॉयलाग में सुना है। लेकिन मध्यप्रदेश की राजनीति में एक नाम ऐसा भी है जिसके नाम से जनता को डराया जाता है। जी हां ये नाम है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिहं का। दिग्विजय सिहं का नाम लेकर प्रदेश बीजेपी जनता को डराती है। हांलाकि इसके पीछे की कहानी संबी तो है लेकिन राजनैतिक भी। मध्यप्रदेश में बीजेपी के चुनाव जीतने के लिए सबसे बेहतर नाम और हथियार है दिग्विजय सिंह।
दिग्विजय सिहं मध्यप्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री रहे
1-1993 -2003 तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
2-दिग्विजय सिंह अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं, फिर चाहे ओसामा बिन लादेन को जी बोलने का मामला हो या फिर सर्जिकल सट्राइक पर सवाल खड़े करने का।
3-उनका बयान “भगवा आंतकवाद” का आज भी राजनैतिक गलियारों में सियासी गर्माहट ला देता है।
4-दिग्विजय सिहं ने आरोप लगाया था कि 26/11के हमले में संघ का हाथ है।
बयानों से बने रहते है सुर्खियों में
बयानों से सुर्खियों में गुलज़ार रहने वाले दिग्विजय सिंह ये वो नाम है मध्यप्रदेश ही नहीं देश का राजनीति में खासा दखल रखते हैं। दिग्विजय सिंह को सभी दिग्गी राजा नाम से बुलाते हैं। दिग्विजय सिंह के राजनैतिक जीवन की शुरूआत 1969 में नगर पालिका अध्यक्ष के तौर पर हुई।
दिग्विजय सिंह 1969 -71 तक राघौगढ़ नगर पालिका के अध्यक्ष बने।
1970 में जनसंघ में जाने का प्रस्ताव ठुकराया
फिर 1984 और 1991 में लोकसभा के सदस्य रहे।
1993 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 2003 तक रहे।
2003 की हार के बाद दस साल के लिए चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया।
2013 में मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य बने और वर्तमान में भी मध्यप्रदेश के राज्यसभा सदस्य हैं।
सड़क बिजली और पानी के मुद्दे पर जीती बीजेपी
दिग्विजय सिंह जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब उनके राज में प्रदेश की सड़क बिजली और पानी के हाल बेहाल थे। सड़कें खत्म हो चुकी थी बिजली घंटो गायब रहती थी और वॉटर सप्लाई के हालात भी बदतर थे। 2003 में कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी ने उमा भारती को स्टार कैंपेनर बनाया और सड़क बिजली पानी के मुद्दे पर चुनाव लड़ा। 2003 में बीजेपी ने दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाधार का नाम दिया। 2003 के बाद से बीजेपी ने जितने चुनाव जीते सभी में दिग्विजय सिंह के समय का मध्यप्रदेश जनता को दिखा दिखा कर डराया।
शादी को लेकर सुर्खियों में रहे दिग्विजय सिंह
इस बीच 2015 में अमृता राय से शादी करके दिग्विजय सिंह सुर्खियों में आए।2019 में दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा चुनावों में साध्वी प्रज्ञा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा। फिलहाल दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के राजनीति में सक्रिय हैं और दिग्विजय सिंह के जिम्मे चुनावों के समय कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी होती है। 2018 में भी दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा और पंगत में संगत जैसे कार्यक्रमों ने कांग्रेस में नई जान फूंकी थी।
इन दिनों फिर दिग्गी राजा मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय है और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अलग अलग विधानसभाओं का दौरा कर रहे हैं।