‘पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और बागेश्वर धाम ‘ ये दो नाम आजकल देश में चर्चा का विषय बने हुए है. नेता हो या आम जनता सभी बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आगे नतमस्तक है. बागेश्वर धाम मध्यप्रदेश का एक तीर्थ स्थान है, जो भगवान बालाजी को समर्पित है. कहा जाता है कि जो श्रध्दालु बागेश्वर धाम में अर्जी लगाता है , उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खुद एक दरबार लगाते है और अनजान लोगों को बुलाकर पर्ची में उनकी समस्या का निवारण कर देते है. सोशल मीडिया पर बागेश्वर धाम सरकार के छोटे-छोटे वीडियो खूब वायरल होते हैं. आपने खुद कई बार इनके वीडियों सोशल मीडिया पर देंखे होंगे. चलिए आज आपको इन्हीं चमत्कारी पंडित धीरेद्र शास्त्री और बागेश्वर धाम के इतिहास के बारे में बताते है.
बागेश्वर धाम का इतिहास
बागेश्वर धाम भगवान बालाजी का मंदिर है. मंदिर छतरपुर जिले के खजुराहो पन्ना रोड पर मौजूद गंज नाम के छोटे से कस्बे से 35 किमी की दूरी पर स्थित है. इस मंदिर को ही बागेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है. साल 1986 में इस मंदिर का जीर्णोध्दार करवाया गया है, जिसके बाद यह मंदिर पूरे भारत में प्रसिध्द होता गया. साल 1987 में यहां पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादाजी संत सेतु लालजी महाराज का आगमन हुआ, जो यहां महायज्ञों का आयोजन करवाते थे. साल 2012 आते आते सेतु लालजी भक्तों की समस्या का निवारण करने के लिए दरबार लगाने लगे.उसके बाद वर्ष 2016 में बागेश्वर धाम में भूमि पूजन हुआ और इसके बाद यह धाम समस्याओं के निराकरण के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध हो गया.
बागेश्वर धाम का रहा है विवादों से नाता
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर विवादों में छाएं रहते है. चाहे हिंदु राष्ट्र बनाने पर मुखर बयानबाजी करनी हो , या अंधविश्वास फैलाने के आरोप पर विरोधियों को जबाब देना हो, पंडित शास्त्री कभी भी नहीं चूकते हैं. कई बार विरोध के कारण पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना दरबार भी कैंसिल करना पड़ा है. इसके साथ ही पंडित शास्त्री और उनके भाई के ऊपर उन्हीं के गांव के लोग जमीन हड़पने का आरोप तक लगा चुके है.
कैसे लगाई जाती है अर्जी ?
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने दरबारों के लिए मशहूर है . लोग अपने कष्टों के निवारण के लिए अर्जी लगाते हैं. मंगलवार को इस धाम में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यहां पर अर्जी लगाने की प्रक्रिया भी बेहद आसान है. आपको बस एक पर्ची पर अपनी समस्या लिखकर लाल कपड़े में नारियल के साथ बांधकर यहां परिसर में रखना होता है. यहां पर आपको लाल, पीले और काले कपड़े में बंधे हुए नारियल मिल जाएंगे. तीन तरह के नारियल रखने के पीछे भी वजह है, अगर आपकी अर्जी सामान्य है तो लाल कपड़े में नारियल बांधें, अगर शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को पीले कपड़े में बांधें और अगर अर्जी प्रेत बाधा से जुड़ी है तो नारियल को काले कपड़े में बांधें. अगर आपकी अर्जी स्वीकार हो जाती है तो पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आपके कष्टों के निवारण के लिए उपाय बताते हैं.
कैसे पहुंचे बागेश्वर धाम ?
बागेश्वर धाम मंदिर आप सड़क मार्ग की मदद से या ट्रेन या हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं. अगर आप हवाई मार्ग से आ रहे है तो आपको सबसे पहले भोपाल आना होगा. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से बागेश्वर धाम की दूरी करीबन 365 किमी है. अगर आप ट्रेन से जाना चाहते है तो आपको छतरपुर या खजुराहों रेलवे स्टेशन उतरना पड़ेगा. यह से आपको बागेश्वर धाम के लिए टैक्सी या ऑटो मिल जाएगा. वहीं सड़क मार्ग की बात करें तो आपको पहले खजुराहो आना पड़ेगा और फिर पन्ना रोड पर पन्ना गंज नाम के छोटे से कस्बे से 35 किमी दूर आकर आप यहां पहुंच जाएंगे.