अफ्रीकी देश मोरक्को में शनिवार 9 सितंबर की अलसुबह जब सभी सो रहे थे तो अचानक यहां पर धरती डोली और देखते ही देखते चारों तरफ तबाही मच गई। दरअसल मोरक्को 9 सितंबर की सुबह को भयानक भूकंप के झटके आए। इस भूकंप की तीव्रता 6.8 थी। भूकंप के झटको से कई इमारतें ढह गई है। मरने वालों का आंकड़ा 296 पर पहुंच चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर कितनी तेज भूकंप आया होगा।
- अफ्रीकी देश मोरक्को में आया तेज भूकंप
- 6.8 तीव्रता का भूकंप,ढह गईं कई इमारतें
- 123 साल बाद अफ्रीकी देश मोरक्को भीषण भूकंप
- सुबह-सुबह आए विनाशकारी भूकंप में 296 लोगों की मौत
- पीएम मोदी ने जताया शोक, की मदद की पेशकश
इस क्षेत्र में 120 वर्षों में यह सबसे शक्तिशाली भूकंप है। मोरक्को सरकार की एक बयान में कहा गया है कि भूकंप ने अल-हौज़, मराकेश, उआरज़ाज़ेट, अज़ीलाल, चिचौआ और तारौदंत के प्रांतों और नगर पालिकाओं में 296 लोगों की जान ले ली। इस दौरान करीब 153 लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र एटलस पर्वत के पास इघिल नाम का गांव है जो मराकेश शहर से 70 किमी की दूरी पर है। भूकंप की गहराई जमीन से 18.5 किलोमीटर नीचे थी। भूकंप के झटके पुर्तगाल और अल्जीरिया तक महसूस किए गए।
ढह गईं कई इमारतें
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूकंप के चलते कई इमारतें ढह गईं। सोशल मीडिया पर भूकंप से जुड़े कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। जिसमें लोग भागते नजर आ रहे हैं। भूकंप ने इमारतों को मलबे और धूल में बदल दिया। यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल ऐतिहासिक मराकेश में पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने वाली लाल दीवारों के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हो गए। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तरी अफ्रीका में अब तक आए भूकंप में इसकी तीव्रता सबसे अधिक है। इससे पहले 1960 में अगादिर के पास 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब हजारों लोग मारे गए।
लोगों ने इमारतों को हिलते हुए देखा
मराकेश के 33 वर्षीय निवासी अब्देलहक अल अमरानी की माने तो उन्हें बहुत तेज़ झटका महसूस हुआ और उन्हें एहसास हुआ कि यह भूकंप था। वे इमारतों को हिलते हुए देख सकते थे। फिर वे बाहर आ गए और वहां बहुत सारे लोग थे। सभी लोग सदमे और दहशत में थे। बच्चे रो रहे थे और माता-पिता भी रो रहे थे। इस दोरान बिजली भी चली गई। वहीं मराकेश के एक अन्य निवासी फैसल बदौर ने मीडिया को बताया कि जब भूकंप आया तो वह गाड़ी चला रहे थे। उन्होंने कहा वे रुके और उहोंने महसूस किया कि यह कितनी बड़ी आपदा थी। यह बहुत गंभीर था। जैसे कि किसी नदी ने अपने किनारे तोड़ दिए हों। चीखना-चिल्लाना असहनीय था। भूकंप के बाद मराकेश के अस्पतालों में घायल लोगों की भारी भीड़ देखी गई। स्थानीय मीडिया ने बताया कि भूकंप के केंद्र के पास अल-हौज़ शहर में, एक परिवार अपना घर ढह जाने के बाद मलबे में फंस गया। इतना ही नहीं भूकंप तटीय शहरों रबात, कैसाब्लांका और एस्सौइरा में भी महसूस किया गया। मराकेश से 200 किलोमीटर पश्चिम में एस्सौइरा के एक निवासी ने एएफपी को बताया, “ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। ज्यादा दहशत है। भूकंप के समय हमने चीखें सुनीं।
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मोरक्को में आए भीषण भूकंप में हुए जानमाल के नुकसान पर शोक जताया है। साथ ही पीएम मोदी ने उत्तरी अफ्रीकी देश को सहायता की भी पेशकश की है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा वे मोरक्को में भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान से बेहद दुखी हैं। इस दुखद घड़ी में उनकी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है। उनके प्रति संवेदनाएं। घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। पीएम ने लिखा है कि इस कठिन समय में भारत मोरक्को को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।