पूर्व डिप्टी सीएम पायलट क्यों कहा – मान सम्मान को विरोधी न समझे मेरी कमजोरी, बीजेपी के साथ गहलोत पर निशाना

Deputy CM Sachin

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य बनने के बाद राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंगलवार को पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक पहुंचे। इस दौरान पायलट ने इस बार भी टोंक सीट से ही विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए। इतना ही नहीं पायलट ने यहां पीएम नरेंद्र मोदी ही नहीं इशारों ही इशारों में CM अशोक गहलोत समेत अपने विरोधी नेताओं को भी जमकर निशाना बनाया।

सचिन पायलट ने अपने भाषण के दौरान सीएम गहलोत समेत अपने विरोधी नेताओं का नाम लिए बगैर जमकर निशाना बनाया और कहा उनके 20-25 साल के राजनीतिक इतिहास में उन्होंने कभी किसी विरोधी नेता के लिए हल्के शब्दों का उपयोग नहीं किया। न वे आगे करेंगे। उनके जो भी आलोचक, विरोधी और निंदक हैं। उनका कभी अपमान नहीं किया। बल्कि उनके साथ सम्मान के साथ सामना किया है। लेकिन इस मान सम्मान को उनके विरोधी कमजोरी ना समझे। पायलट के इस बयान के बाद राजस्थान की सियासत में एक बार फिर उबाल आया है। एक बार फिर गहलोत पायलट के बीच के मनमुटाव को लेकर राजनीतिक जानकार कयास लगा रहे हैं। खास बात यह रही कि सचिन पायलट ने 11 मिनट और 16 सेकंड तक भाषण दिया, लेकिन उनहोंने इस दौरान सीएम अशोक गहलोत का एक बार भी नाम नहीं लिया। हालांकि उनके शब्दों से यह जाहिर हो गया कि उनका निशाना किस ओर था।

पिछली बार से अधिक वोट से जीतेगी कांग्रेस

सचिन पायलट ने दावा किया कि टोंक में कांग्रेस पिछली बार से अधिक वोटों से जीत हासिल करेगी। इस दौरान जयपुर से टोंक तक पायलट का भव्य स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं में उत्साह भी दिखाई दिया। कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान सचिन पायलट ने केंद्र की बीजेपी सरकार को जमकर आड़े हाथों लेते हुए पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसा और कहा कि मोदी जी का एक चुनिंदा डायलॉग है। डबल इंजन की सरकार। लेकिन उनकी यह डबल इंजन के सरकार अब हर जगह फेल हो रही है। हिमाचल में हमने काम किया तो वहां डबल इंजन में से एक इंजन शिमला में सीज हो गया। इसी तरह कर्नाटक में भी डबल इंजन में से एक इंजन बेंगलुरू में फेल हो चुका है। उन्होंने भाजपा पर भी हमला करते हुए कहा कि भाजपा पाखंड की राजनीति करने में माहिर है। लोगों में भाजपा द्वेष पैदा करती है। मंदिर मस्जिद का नाम लेकर वोट बटोरने का काम भाजपा करती है। पायलट ने कहा कि भाजपा केंद्र में और राजस्थान में विपक्ष के रूप में बुरी तरह फेल है।

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