राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। इस बीच राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट जनता की अवाज उठा रहे हैं। बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच न होने से दुखी पायलट गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन तक कर चुके हैं। अब उन्होंने एक बार फिर कहा है कि जब जनता सरकार चुनती है, तो सरकार को भी अपने वादों का पालन करना चाहिए।
- राजे सरकार में हुए घपलों से नाराज हैं पायलट
- अपनी ही सरकार के खिलाफ कर चुके हैं अनशन
- 2020 के बाद तल्खी में आई तेजी
- गहलोत से लड़ाई में गई डिप्टी सीएम की कुर्सी
- अब अगले चुनाव पर पायलट की नजर
दरार पैदा करने वालों से रहना होगा दूर
दरअसल सचिन पायलट ने कहा कि अगर आपने सत्ता में आने से पहले जनता से कुछ वादे किए हैं, तो सत्ता में आने के बाद उन वादों को पूरा करना चाहिए। बता दें राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने लोगों के बीच एकता पर भी जोर दिया और बिना किसी का नाम लिए कहा कि जो लोग दरार पैदा करना चाहते हैं, उनसे दूर रहना होगा। सचिन पायलट ने कहा कि ऐसी कई ताकतें हैं, जो दरार और बाधाएं पैदा करना चाहती हैं। कई तरह की चुनौतियां हैं और समय के साथ ये बढ़ भी रही हैं। हमें उनसे निपटने के लिए संकल्प लेना होगा।
पूर्वी राजस्थान में पायलट की जबरदस्त पकड़
बता दें सचिन पायलट का नाम कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिना जाता है। उन्हें देखने-सुनने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुटती है। राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में सचिन पायलट की जबरदस्त पकड़ भी है। ऐसे में कांग्रेस पायलट को नाराज नहीं करना चाहती है। यही वजह है कि पिछलें दिनों पार्टी ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को यह जिम्मा दिया था कि वह गहलोत-पायलट विवाद को सुलझाकर दोनों के बीच सुलह कराएं। इसके लिए कमलनाथ ने पायलट को कई ऑफर भी दिए थे। हालांकि सचिन पायलट ने फीडबैक कार्यक्रम से दूरी बनाए रखा, इतना ही नहीं वे राजस्थान सरकार की ओर से जारी महंगाई राहत शिविर से भी दूरी बनाए हुए है।