दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री सत्येद्र जैन ने अपने साथ दो तीन कैदियों को रखने की मांग की थी। मांग पूरी करने पर जेल सुपरिटेंडेंट पर गाज गिरी है। बता दें जैन के सेल में सुपरिटेंडेंट ने दो कैदियों को भेजा था। हालांकि इसकी खबर तिहाड़ जेल प्रशासन को लगने पर दोनों कैदियों को वापस भेज दिया है। इसके साथ ही तिहाड़ प्रशासन ने जेल नंबर सात के सुपरिंटेंडेंट को नोटिस भी जारी किया गया है।
- फिर सुर्खियों में पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन
- सत्येन्द्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हैं जेल में बंद
- सेल में कैदियों की संख्या बढ़ाने की गुजारिश
- पूर्व मंत्री जैन को ED ने किया है जेल में बंद
- जैन ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में कैद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार ऐसा वीडियो वायरल होने की वजह से नहीं, बल्कि जेल अधीक्षक से अपने सेल में कैदियों की संख्या बढ़ाने की गुजारिश के कारण हुआ है। बता दें पूर्व मंत्री ने तिहाड़ जेल नंबर सात के अधीक्षक को पत्र लिखा था। जिसमें अपनी सेल में दूसरे कैदियों को भेजने और संख्या बढ़ाने की मांग की थी। जिससे उसे अकेलेपन का शिकार से बचाया जा सके। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधीक्षक को लिखे अपने पत्र में कम से कम दो से तीन कैदियों को अपने साथ रखने की बात कही है। अपने मनोचिकित्सक के सुझाव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सेल में एकान्त कारावास ने उन्हें अवसाद में डाल दिया था। मनोचिकित्सक ने उन्हें अकेले न रहने और सामाजिक दायरा बढ़ाने की सलाह दी है।
जेल अधीक्षक को देना है नोटिस का जवाब
सत्येंद्र जैन के अनुरोध पर सात नंबर जेल के अधीक्षक ने दोनों कैदियों को अपने सेल में स्थानांतरित कर दिया था। लेकिन जब तिहाड़ जेल प्रशासन को इस बात का पता चला तो उन्होंने दोनों कैदियों को वापस उनकी पुरानी सेल में भेज दिया। इसके साथ ही 7 नंबर जेल के अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं तिहाड़ प्रशासन ने जेल अधीक्षक से तय समय सीमा में इस नोटिस का जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
नियमों के उल्लंघन का आरोप
जेल प्रशासन के मुताबिक अधीक्षक ने बिना प्रशासन को बताए यह फैसला लिया, जबकि प्रक्रिया के मुताबिक बिना प्रशासन की जानकारी और अनुमति लिए ऐसा नहीं किया जा सकता। जेल प्रशासन का कहना है कि बिना उच्चाधिकारी की सहमति के जेल अधीक्षक ऐसा नहीं कर सकते। बता दें कि गैंगस्टर टिल्लू की हत्या के बाद तिहाड़ जेल में हड़कंप मच गया है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच चल रही है। साथ ही कई अधिकारियों पर कार्रवाई की तलवार भी लटक रही है।