दरअसल देव प्रकाश ही वो शख्स था, जिसने हाथरस में सत्संग का आयोजन कराया था। उसने ही सिंकदराराऊ एसडीएम से कार्यक्रम की अनुमति हासिल की थी। बता दें देव प्रकाश मधुकर वैसे तो मूलरूप से एटा जिले का रहने वाला है, लेकिन पिछले करीब दस से वह सिंकदराराऊ में ही रह रहा था।
हाथरस कांड के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हाथरस कांड के मुख्य आरोपी देव प्रकाया की जिंदगी के पन्ने पलटने पर चला है कि कभी वह मनरेगा में नौकरी किया करता था और पिछले दस साल से भोले बाबा का मुख्य सेवादार का काम कर रहा था। आखिर कौन है देव प्रकाश मधुकर, जिस पर यूपी एसटीएफ और पुलिस ने हाथरस कांड के बाद घोषित किया था 1 लाख रुपये का ईनाम। हादसे के बाद से ही भोले बाबा उर्फ नारायण साकर हरि भी फरार चल रहा है। हालांकि उत्तरप्रदेश पुलिस ने हादसे के बाद से अब तक कभी भी बाबा के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की है।
- हाथरस कांड का मुख्य आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार
- मुख्य आरोपी देव प्रकाश को किया गिरफ्तार
- देव प्रकाश पर था 1 लाख का इनाम घोषित
- दिल्ली पुलिस ने आरोपी को यूपी STF को सौंपा
- देव प्रकाश सतसंग का मुख्य आयोजक
- सरेंडर के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार
- हाथरस भगदड़ का मुख्य आरोपी है देव प्रकाश मधुकर
- हाथरस भगदड़ कांड को लेकर बोले सूरज पाल
- कहा- 2 जुलाई की घटना से हम दुखी हैं
उत्तर प्रदेश का हाथरस कभी प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार काका हाथरसी के नाम से पहचाना जाता था लेकिन अब हाथरस की पहचान सत्संग और भगदड़ कांड से हो रही है। हाथरस जिले के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में 2 जुलाई को सत्संग का आयोजन किया गया था। जिसमें नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा ने प्रवचन दिये और सत्संग के बाद जाते समय लोग उनकी चरण रज लेने दौड़ पड़े। बाबा के सेवादारों से भीड़ से धक्कामुक्की की और बाबा के लिए रास्ता बनाया, इसके बाद तो मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई।
इस भगदड़ का मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर है। हादसे के बाद पुलिस ने देव प्रकाश को ही मुख्य आरोपी बनाया था। मुख्य आरोपी देवप्रकाश ने ही पूरे सत्संग आयोजन की कमान अपने हाथ में संभाली हुई थी। जिसे दिल्ली से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उधर भोले बाबा पक्ष के वकील का कहना है, देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार नहीं किया है बल्कि दावा है कि उसने पुलिस के सामने आत्मसर्मपण किया है। बता दें भगदड़ कांड के बाद से ही देव प्रकाश फरार चल रहा था। पुलिस ने आधा दर्जन सेवादारों को गिरफ्तार किया लेकर मुख्य आरोपी को पकड़ नहीं सकी, उसकी गिरफ्तार के लिये आखिरकार पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
देव प्रकाश ने ही ली थी SDM से आयोजन की परमिशन
भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का खास सेवादार देव प्रकाश मधुकर ही है। जिसने सिकंदराराऊ एसडीएम से फुलरई मुगलगढ़ी में सत्संग की परमिशन ली थी। परमिशन के लिए दिये गये आवेदन में 80 हजार लोगों के पहुंचने की बात कही गयी थी, लेकिन भीड़ बढ़ती गई और कार्यक्रम में ढाई लाख के करीब लोग जमा हो गये। इतनी भीड़ देख भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि भी गदगद हो गया और उसने ने देव प्रकाश को इसका इंतजाम करने और मुख्य सेवादार की जिम्मेदारी भी दी हुई थी। इसके चलते हादसे के बाद से देव प्रकाश पुलिस की रडार पर था।
मजरा सलेमपुर से 10 साल पहले आया था सिकंदराराऊ
हाथरस जिले के सिकंदराराऊ स्थित मोहल्ला दमदपुरा नई कॉलोनी में देव प्रकाश का ठीकाना है। हालांकि मूल रूप से वह मजरा सलेमपुर का रहने वाला है जो एटा जिले में स्थित अवागढ़ ब्लॉक की ग्राम पंचायत सलेमपुर गादरी में आता है। मजरा सलेमपुर गांव में आज भी देव प्रकाश की पैतृक संपत्ति है। वहां पर देव प्रकाश के माता-पिता और दूसर सगे संबंधी रहते हैं। देव प्रकाश दस साल पहले 2014 में अपना पैतृक गांव मजरा सलेमपुर को छोड़कर सिकंदराराऊ में आकर रहने लगा था।
मनरेगा में किया असिस्टेंट टेक्नीशियन का काम
एटा जिले में देव प्रकाश मनरेगा में असिस्टेंट टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत है। वह पिछले कई साल से नारायण साकार हरि के सत्संगों में शामिल हो रहा था। सत्संग से जुड़ा था। करीब दस साल पहले सिकंदराराऊ आने के बाद उसकी रूचि भोले बाबा उर्फ नारायण साकर हरि में और ज्यादा बढ़ गई थी। देव प्रकाश भोले बाबा की मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति का सदस्य बन गया और सत्संग के कामों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने लगा। भोले बाबा ने उसकी लगन और सत्संग के प्रति निष्ठा को देखते हुए देव प्रकाश को मुख्य सेवादार की जिम्मेदारी सौंप दी थी।