नीति आयोग की बैठक से जानें ​किन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बनाई दूरी…

Delhi NITI Aayog meeting PM Modi CMs of states INDI Alliance

दिल्ली में आज 27 जुलाई को हो रही नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बैठक में विकसित भारत से जुड़े कई अहम मुद्दों के साथ दृष्टिकोण पत्र पर मंथन होगा। बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन के साथ सहयोग को बढ़ावा देना तो है ही इसके साथ ​ही साथ वितरण तंत्र को भी मजबूत कर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करना है। नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल के साथ कई विभागों के केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं। बैठक में कई राज्यों के मुख्य्मंत्री और एलजी शामिल होंगे। हालांकि INDI Alliance की ओर से इस बैठक का बहिस्कार किया है, लेकिन पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल हो रहीं हैें।

कई राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में नहीं लेंगे हिस्सा

INDI Alliance की ओर से इस बैठक का बहिस्कार किया गया है। ऐसे में कई राज्यों के मुख्य्मंत्री इस बैठक से दूरी बनाए हुए हैं। जिनमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन.रंगासामी शामिल हैं।

इन राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में हो रहे शामिल

नीति आयोग की इस महत्वपूर्ण बैठक में एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के डॉ.मोहन यादव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे,  अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, अरुणाचल के उप मुख्यमंत्री चौना मीन, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव सहाय, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा आदि कई नेता बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।

बैठक में इन मुद्दों पर होगा मंथन

नीतिआयोग की इस अहम बैठक का उद्देश्य देश में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करना है। इसके साथ ही 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने की दिशा में आगे बढ़ाने का भी उद्देश्य है। भारत के सपने को @2047 पर विज़न डॉक्यूमेंट के लिए बैठक में ‘एप्रोच पेपर’ पर भी चर्चा होगी। इस लक्ष्य को हासिल करने में विभिन्न राज्यों की भूमिका पर भी विचार-मंथन किया जाएगा। भारत सरकार की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि बैठक के दौरान 5 प्रमुख मुद्दों पर सिफारिशें की गईं है। जिनमें मुख्यरुप से पीने का पानी, पहुंच, मात्रा और उसकी गुणवत्ता पर जोर देना। बिजली की गुणवत्ता, उसकी दक्षता और विश्वसनीयता पर जोर देना। स्वास्थ्य की गांवों तक पहुंच, उसके सामर्थ्य और देखभाल की गुणवत्ता को विकसित करना,। स्कूल शिक्षा की पहुंच बढ़ाना और उसकी गुणवत्ता के साथ भूमि और संपत्ति के विषय में पहुंच बढ़ाना, डिजिटलीकरण करना, पंजीकरण और म्यूटेशन शामिल है।

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