Delhi MCD Election Results:दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणाम आ चुके हैं पर अभी तक दिल्ली को अपना नया मेयर नहीं मिला है। दरअसल नियमों की बाधा के चलते महापौर की ताजपोशी के लिए अभी अप्रैल तक इंतजार करना पड़ सकता है। यह बाधा दूर करने के लिए निगम के एक्ट में बदलाव करना होगा। ऐसा न होने पर गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी। इस सबके बीच कहा जा सकता है कि फिलहाल मेयर का चुनाव अब केंद्र सरकार के पाले में है।
अप्रैल 2023 में होगी पहली बैठक
नगर निगम में मुख्य विधि अधिकारी रहे अनिल कुमार कहते हैं कि दिल्ली नगर निगम एक्ट के अनुच्छेद 35 में साफ तौर पर लिखा है कि है कि मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हर वर्ष होगा। जो कि एक अप्रैल से शुरू होगा। ऐसे में वर्तमान परिस्थिति में तो निर्वाचित होकर आए सदस्यों की पहली बैठक तो अप्रैल में ही होना संभव है। हालांकि तीनों निगमों को एक करने के बाद एक्ट में संशोधन किया गया है। इसमें यह प्रविधान है कि एक्ट को लागू करने में अगर कोई भी दिक्कत आती हैए तो केंद्र सरकार एक आदेश निकालकर उसे दूर कर सकती है। इसके लिए एक्ट में संशोधन की आवश्यकता नहीं होगी। दो साल तक केंद्र सरकार के पास यह शक्ति है। हालांकि इन आदेशों को लोकसभा और राज्यसभा में पेश करना होगा।
LG तय करेंगे पीठासीन अधिकारी
चुनाव पुरा होते ही राज्य चुनाव आयोग जीते हुए प्रत्याशियों की अधिसूचना जारी कर निगम आयुक्त को भेजेगा। इस सूची के साथ निगम सचिव एक पत्र उपराज्यपाल को लिखते हैं। इसमें सदस्यों की बैठक की तारीख तय करने और महापौर का चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध किया जाता है। इसके बाद उपराज्यपाल एक्ट के मुताबिक केंद्र सरकार से सलाह लेकर आगे निर्णय ले सकेंगे।
पार्षद विधायक और सांसद राज्यभा सदस्य करेंगे मतदान
दिल्ली नगर निगम के महापौर का चुनाव एमसीडी के 250 पार्षदों तो करेंगे ही इसके साथ ही 13 विधायक दिल्ली के सात लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सदस्य मतदान कर सकते हैं। जिसके पास बहुमत होता हैं। वहीं जीत जाता है। यहां बता दें कि मनोनीत सदस्यों को इसमें मतदान का अधिकार नहीं होता है। निगम चुनाव के बाद उपराज्यपाल दिल्ली के सात लोकसभा क्षेत्रों के सदस्यों को निगम सदस्य नियुक्त करते हैं। इसी प्रकार राज्यसभा सदस्यों को सदस्य घोषित किया जाता है। इसकी घोषणा उपराज्यपाल अधिसूचना जारी करके करते हैं।
बैठक से पहले नामांकन की तारीख
MCD की बैठक बुलाने का अधिकार उपराज्यपाल को है, वे जब भी सदन बुलाने की तारीख बताएंगे उससे कम से कम 10 दिन पहले निगम सचिव कार्यालय की ओर से महापौर और उपमहापौर पद के प्रत्याशियों के नामांकन की तारीखों की घोषणा की जाएगी। कोई भी सदस्य नामांकन करने के बाद चुनाव होने से पहले तक 25 वर्ष से अधिक आयु के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ दस सदस्यों को उपराज्यपाल मनोनीत करते हैं। इन सदस्यों को सदन में महापौर चुनाव से लेकर निगम के किसी भी मुद्दे पर मतदान का अधिकार नहीं होता है। जबकि वार्ड समिति में यह सदस्य मतदान कर सकते हैं। 2017 और 2022 के कार्याकाल में मनोनीत सदस्य स्थायी समिति के उपाध्यक्ष तक रहे हैं।
दिल्ली में 68 विधानसभा सीट
दिल्ली विधानसभा के सदस्यों का पांचवे हिस्से के बराबर सदस्य दिल्ली नगर निगम के सदस्य बनाए जाते हैं। इनकी नियुक्ति विधानसभा अध्यक्ष की ओर से की जाती है। निगम क्षेत्र में 68 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। ऐसे में 13 सदस्य पहले निगम के सदस्य रहे हैं। इन सदस्यों को मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मतदान करने का अधिकार होता है।