Delhi MCD Election Result 2022:जानें दिल्ली वालों को क्यों लुभा रहा है “केजरीवाल मॉडल”

AAP celebration

दिल्ली MCD  Election के नतीजे आ चुके हैं। दिल्ली में इस बार नगर सरकार पर “आप” का कब्जा हुआ है। पिछले तकरीबन 15 सालों से ये सरकार बीजेपी के पास रही। दिल्ली सरकार पर केजरीवाल का राज रहा लेकिन दिल्ली की नगर सरकार पर बीजेपी राज कर रही थी। इस बार “आप” ने नगर सरकार भी जीत ली। दिल्ली नगर निगम में 250 वार्डों पर चुनाव हुए और नतीजों के अनुसार आप के खाते में 134 निगम सीटें आई आप ने पूरे बहुमत के साथ दिल्ली में नगर सरकार बना ली। बीजेपी को 104  निगम मिली और कांग्रेस और अन्य के खातें में नौं सीटें रहीं।

 

लोगों को क्यों लुभा रहा “केजरीवाल मॉडल”

देश का राजधानी दिल्ली मे दस साल से केजरीवाल मुख्यमंत्री है। अब 15 साल बाद दिल्ली की नगर सरकार पर भी आम आदमी पार्टी का कब्जा है। वजह बड़ी साफ दिखाई दे रही है, लगता है दिल्ली के लोगों के दिलों को “आप का केजरीवाल मॉडल” लुभा रहा है। दिल्ली की जनता ने आप को चुना। इसके पीछे कईं सारी वजह हैं –

1 दिल्ली में दूसरे राज्यों से लोग रोजी रोटी की तलाश में आतें है।

2 कुछ ही लोगों को अच्छी नौकरी और अच्छी सेलरी मिल पाती है।

3 बचे लोग छोटे-मोटे काम करके अपना जीवन यापन करते हैं।

4 ये लोग अपनी रोटी कपड़ा मकान जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए बहुत परेशान होते है।

5 ऐसे में कजेरीवाल मॉडल जिसमें बिजली , पढ़ाई और इलाज़ जैसी सुविधाऐं  अगर सस्ते में मिल जाती हैं तो लोगों को लुभाती है।

6- तेजी से बढ़ती मंहगाई में मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास सरकार की तरफ से जिस राहत की उम्मीद से देख रहे हैं वो उन्हें “आप के केजरीवाल मॉडल” में दिखाई देती है।

यही कारण है कि आप ने दस साल में दो राज्यों में सरकार बना ली और अब दिल्ली की नगर सरकार भी बीजेपी से हथिया ली।

 

कम समय में बढ़ाया राजनैतिक कैनवास

आम आदमी पार्टी 2012 में बनी । बनने के एक साल बाद ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अच्छी खासी सीटें जीती और बाद में हुए मध्यावधि चुनावों में तो दिल्ली मे सरकार ही बना ली। दस साल पुराने दल ने दो राज्यों दिल्ली और  पंजाब में सरकार बनाने के साथ साथ कई राज्यों में विधायक, मेयर और पार्षद भी बनवा लिए। गुजरात के नगरीय निकाय चुनावों में सूरत में 27 नगर सेवक आम आदमी पार्टी के बने। आम आदमी पार्टी तेजी से अपना दायरा बढ़ाती जा रही है। इसकी एक बड़ी वजह ये भी मानी जा सकती है कि आम आदमी पार्टी के टिकट हो या पार्टी की किसी और बात का फैसला ज्यादातर आम आदमी के बीच सर्वे के जरिए तय होता है।

आम आदमी पार्टी की राह में रोड़े

आम आदमी ने जब से दिल्ली में सरकार बनाई उसकी राह आसान नहीं रही। कभी एल जी के साथ मुख्यमंत्री के झगड़े सुर्खियों में रहे तो कभी बयानबाजियों को लेकर विवाद।आम आदमी पार्टी के कई सारे नेताओं के खिलाफ जांच ऐजेसियां जांच कर रहीं है।

कांग्रेस के लिए चुनौती साबित हो रही है “आप”

आम आदमी पार्टी कांग्रेस के लिए लगातार चुनौती साबित हो रही है.। सबसे पहले दिल्ली विधानसभा में “आप” ने सरकार बनाई और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है ऐसे में सरकार से नाराजगी का वोट कांग्रेस को मिलना चाहिए. लेकिन आम आदमी पार्टी खुद को कांग्रेस के विकल्प के तौर पर लोगों के सामने रखती है। यही कारण है कि कांग्रेस के हिस्से के वोट बंटकर आम आदमी पार्टी को मिल जाते हैं। आम आदमी पार्टी ने अपना राजनैतिक कैनवास इतना तेजी से बढ़ाया है कि दस साल में दो राज्यों में सरकार बना ली। ऐसे में कांग्रेस के सामने आम आदमी पार्टी एक बड़ी चुनौती है.

 

 

 

 

 

 

 

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