Delhi MCD Mayor: दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव एक अनसुलझी गाथा में बदलता जा रहा है। सदन अपने महापौर को चुनने में एक महीने में तीसरी बार भी नाकाम रहा। सोमवार यानी 6 फरवरी को एक बार फिर सदन में गहमागमी हुई और चुनाव चल गया। मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षद यानी एल्डरमैन को वोट देने की अनुमति देने के फैसले को लेकर सदन में हंगामा हुआ। अब आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सुप्रीम कोर्ट का रुक करेगी।
- AAP ने बीजेपी पर इस चुनाव प्रक्रिया को रोकने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि वह अदालत की निगरानी में यह चुनाव कराने का अनुरोध करेगी
- दिल्ली विधानसभा में छह जनवरी से अभूतपूर्व घटनाक्रम देखने को मिला है
- तब नगर निगम चुनाव के बाद पहली बार इसकी बैठक आहूत की गई थी, लेकिन बीजेपी और आप सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था
- पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा बीजेपी की पार्षद भी हैं और उनकी ओर से तीसरी बैठक भी स्थगित किए जाने के बाद, आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.
पार्टियों की सर-फुटव्वल में मेयर का चुनाव टला
AAP का आरपो है कि 6 फरवरी को महापौर का चुनाव नहीं हो सका, क्योंकि बीजेपी लोकतंत्र और भारत के संविधान का गला घोंट रही है। वहीं बीजेपी का आरोप है कि AAP इस चुनाव में बाधा डालने के लिए कोई न कोई बहाने के साथ आती है। पहले जानते हैं कि सोमवार यानी 6 फरवरी को हुआ क्या था?
- आधे घंटे की देरी के बाद सदन की बैठक करीब साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई
- पीठासीन अधिकारी ने घोषणा की कि एल्डरमैन को महापौर, उपमहापौर के पदों और नगर निगम की स्थाई समिति के छह सदस्यों के लिए चुनाव में वोट देने की अनुमति दी जाएगी
- सत्या शर्मा ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम बनाम अनिका मल्होत्रा और अन्य मामले में हाईकोर्ट के 2016 के फैसले का इस मामले में संदर्भ दिया
- घोषणा होते ही आम आदमी पार्टी के नेता मुकेश गोयल अपनी सीट से खड़े हो गए और कहा कि एल्डरमैन वोट नहीं दे सकते और उनके साथ ही उनकी पार्टी के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया
- इसके साथ ही सत्या शर्मा को एक दस्तावेज सौंपने के लिए सदन में पीठासीन अधिकारी के आसन के करीब पहुंच गए
- विरोध तेज होने के बाद बीजेपी पार्षदों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी
आप के दो पार्षदों पर भी हंगामा हुआ
हंगामा इसलिए भी हुआ, क्योंकि पीठासीन अधिकारी ने AAP विधायक अखिलेश त्रिपाठी और संजीव झा को वोट देने की अनुमति नहीं देने की बात कही, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इस पर उनकी पार्टी के पार्षदों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। बीजेपी पार्षदों ने दोनों को सदन से निकालने की मांग की। शोर-गुल बढ़ने के बाद पीठासीन अधिकारी ने घोषणा की कि सदन को अगली तारीख तक के लिए स्थगित किया जाता है।
वहीं, AAP के सांसद संजय सिंह ने कहा कि पीठासीन अधिकारी बीजेपी के निर्देश पर काम कर रही हैं और साजिश रची गयी है, ताकि चुनाव न हों।
- आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना और एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बीजेपी की आलोचना की और कहा कि वे दिल्ली के मेयर पद का चुनाव समयबद्ध तरीके से और अदालत की निगरानी में कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
- संजय सिंह ने कहा कि वे अब कोर्ट में एल्डरमैन के वोट सहित सभी विषय उठाएंगे
- मुकेश गोयल गोयल ने आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी दिल्ली नगर निगम अधिनियम का उल्लंघन कर रही हैं
इससे पहले दो बार कोशिश नाकाम
बता दें कि 6 जनवरी के बाद दिल्ली विधानसभा की दूसरी बैठक 24 जनवरी को भी हुई, लेकिन नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद फिर स्थगित कर दी गई थी। मेयर का चुनाव तब भी नहीं हो सका। सदन की बैठक एक बार फिर स्थगित होने के बाद बीजेपी नेताओं ने इस गतिरोध के लिए AAP को जिम्मेदार ठहराया।
वैसे, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने महापौर के चुनाव को बाधित करने के लिए अपने पार्षदों को पिछली बार जैसा हंगामा करने का निर्देश दिया है, AAP विधायक आतिशी मार्लेना ने कहा कि बीजेपी ने जान बूझकर कार्यवाही में खलल डाला, ताकि सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाए। वहीं, बीजेपी की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह आम आदमी पार्टी ही है, जिसने अपने पार्षदों को ऐसा करने के लिए कहा है।
आगे की राह
सवाल यह है कि दिल्ली को कब तक अगला मेयर मिल पाएगा? फिलहाल बीजेपी और AAP में से कोई भी अपनी स्थिति में बदलवा को तैयार नहीं है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामला स्वीकार कर लिया तो फिर गेंद उनके पाले में होगी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक फिर चुनाव नहीं हो पाएगा। अगर सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला खुद सलटाने को कहा तो दोनों पार्टियों को मिल-बैठकर इसका समाधान खोजना पड़ेगा। तबतक दिल्ली महापौर विहीन रहेगी।