मध्यप्रदेश में भूमि और संपत्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटल करते हुए कई जिलों ने अच्छा काम किया है। प्रदेश के ऐसे ही 15 जिले के कलेक्टर्स को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के ज्ञान विज्ञान भवन में सम्मानित किया। यह अवार्ड डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स प्रोग्राम के तहत दिए गए। इन सभी को यहां ट्रॉफी के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया गया।
- राष्ट्रपति ने की एमपी की तारीफ
- कहा-भूमि प्रबंधन में हुआ बेहतर कार्य
- अवार्ड डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स प्रोग्राम
- ट्रॉफी के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया
राष्ट्रपति मुर्मु ने सम्मान देते हुए एमपी सरकार की कार्यशैली की सराहना भी की और कहा डिजिटलीकरण और सूचना के जुड़ाव के माध्यम से लोगों और संस्थानों की ऊर्जा, जो विवादों को सुलझाने में खर्च होती है। उसका उपयोग विकास के लिए किया जाएगा। राष्ट्रपति ने इस प्रसन्नता जताई कि डिजिटल इंडिया भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली के तहत एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या प्रदान की जा रही है, जो आधार कार्ड की तरह उपयोगी हो सकती है।
इसलिए किया राष्ट्रपति ने सम्मानित
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भोपाल, इंदौर, उज्जैन, विदिशा, हरदा, खरगोन, अलीराजपुर, गुना, आगर-मालवा, उमरिया, नीमच, टीकमगढ़, सिंगरौली, सीधी और अनूपपुर जिलों के कलेक्टरों लैंड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम में बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए सम्मानित किया। जिन जिलों ने डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में शत-प्रतिशत कामों को डिजिटल किया है उन्हें सम्मानित किया गया। यहां भूमि के रिकॉर्ड को डिजिटलाइजेशन करते हुए सुविधा के साथ आमजन की सहूलियत के लिए रिकॉर्ड मेंटेन किया गया है। जिसके जरिए घर बैठे ही जमीन की जानकारी किसानों को आसानी से कंप्यूटर के एक क्लिक पर मिल रही है। इतना ही नहीं भूमि संबंधी काम घर बैठे ही एक क्लिक पर हो जाते हैं।