कैलाश गहलोत ने आप के अरमानों पर फेरी झाड़ू…थामा बीजेपी का दामन…केजरीवाल पर लगाए ये गंभीर आरोप
आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के 24 घंटे बाद आखिरकार कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल हो गए। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर मौजूद भी रहे।
- दिल्ली में खेला…AAP में झमेला…!
- दिल्ली की आतिशी सरकार में सियासी उठाफटक
- चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका
- आखिर पार्टी छोड़ने की वजह क्या ?
- जांच एजेंसियों का दबाब या कुछ और ?
- इस्तीफे से BJP-AAP में छिड़ी जंग…!
भाजपा में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत ने कहा लोग सोचते होंगे कि रातों-रात यह फैसला ले लिया गया या किसी तरह के दबाव में आकर फैसला लिया गया है। सुनने में आ रहा है कि ED, CBI के दबाव में ऐसा किया, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि ‘वकालत छोड़कर वे आम आदमी पार्टी से जुड़े थे। अन्ना हजारे के समय से आंदोलन से जुड़े थे। हम एक विचारधारा से जुड़े, एक पार्टी और एक व्यक्ति में हमें उम्मीद दिखी लेकिन जिन मूल्यों के लिए पार्टी जॉइन की थी अपनी आंखों के सामने उनका समझौता होते देख कष्ट होता है। पार्टी छोड़ने के बाद दिल्ली CM आतिशी ने भाजपा पर ED-CBI की सहायता से षड़यंत्र का आरोप लगाया है।
कभी खुद को केजरीवाल का हनुमान बताते थे गहलोत
खुद को अरविंद केजरीवाल का हनुमान बताने वाले दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दाम थामते ही केजरीवाल को निशाने पर लिया। इससे पहले पत्र भी लिखा है। कई तरह के सवाल उठाए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कैलाश गहलोत के पार्टी छोड़ने की वजह आतिशी है? या कोई और कारण.? साथ ही साथ अपने साथियों के साथ छोड़कर जाने पर अरविंद केजरीवाल चुप्पी क्यों साध लेते हैं।
दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गहलोत के इस्तीफा के लिए पार्टी के नेता बीजेपी को दोष दे रहे हैं। वे कह रहे हैं कि केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच के दबाव में आकर गहलोत ने पार्टी छोड़ी है। लेकिन क्या वास्तव में यही वजह है।
आम आदमी पार्टी और कैलाश गहलोत के बीच दरार काफी दिनों से बढ़ती जा रही थी। पार्टी और गहलोत के बीच दरार 15 अगस्त को ही पड़ गए थे। जब जेल से अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा मंत्री आतिशी को झंडारोहण का निर्देश दिया। लेकिन उपराज्यपाल ने वीके सक्सेना ने कैलाश गहलोत को इस काम के लिए नामित किया। आतिशी ने एलजी के फैसले को तानाशाही कार्य करार दिया। पूर्व मंत्री गहलोत ने उप राज्यपाल के निर्देशों का पालन करते हुए झंडा फहराया। उसके बाद पिछले साल दिसंबर में कैलाश गहलोत से न्याय विभाग लेकर आतिशी को दे दिया गया था। कैलाश गहलोत के करीबी लोग बताते हैं कि तभी यह साफ हो गया था कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का कैलाश गहलोत पर आतिशी के बराबर भरोसा नहीं है…ऐसे में कई सवाल उठते हैं।
क्या पार्टी छोड़ने की वजह CM आतिशी है?
क्या कैलाश गहलोत सीएम पद के लिए भी दावेदार थे?
गहलोत के इस्तीफे से अप को कितना नुकसान हुआ ?
इस्तीफा के बाद भी अरविंद केजरीवाल खामोश क्यों?
इस साल आप को झटके!
- पहला झटका
- 10 अप्रैल 2024
- राजकुमार आनंद
- मंत्री और पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र
- दूसरा झटका
- 13 मई 2024
- स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट
- बागी हुई मालीवाल
- तीसरा झटका
- 6 सितंबर 2024
- राजेंद्रपाल गौतम (विधायक)
- कांग्रेस में शामिल
चौथा झटका
- 17 नवंबर 2024
- कैलाश गहलोत
- (कैबिनेट मंत्री)
- मंत्री और पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र
विधानसभा चुनाव- 2020
- विधानसभा सीट- 70
- आप- 62
- बीजेपी- 8
- अन्य- 0
वर्तमान में दिल्ली विधानसभा में कुल 70 विधानसभा क्षेत्र हैं। विधानसभा का पिछला चुनाव फरवरी 2020 में संपन्न हुआ था। उस समय चुनाव में एएपी को 62 सीटें और बीजेपी को 8 सीट मिली थीं।
(प्रकाश कुमार पांडेय)