Delhi Assembly Elections 2025:20 सीटों पर बाजी पलट सकता है..आठवां वेतन आयोग…इन सीटों पर हो सकती बीजेपी की बल्ले-बल्ले

Delhi Assembly Elections Eighth Pay Commission can change the outcome of 20 seats

दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 दंगल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान कर एक बड़ा सियासी दांव खेल दिया है। इसे बीजेपी की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। सियासी दृष्टिकोण देखें तो बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार के इस ऐलान से दिल्ली में करीब 20 विधानसभा सीटों पर इस बार चुनावी बाजी पलट सकती है।

Delhi Assembly Elections 2025
20 सीटों पर बीजेपी पलट सकती है बाजी
आठवां वेतन आयोग पहुंचा सकता है बीजेपी को लाभ
इन 20 सीटों पर हो सकती बीजेपी की बल्ले बल्ले

दिल्ली की कर्मचारी बाहुल्य विधानसभा सीटों पर फिलहाल आम आदमी पार्टी के विधायकों का कब्जा है। विधानसभा की यह वो सीटें हैं, जहां करीब 10 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स निवास करते हैं। यह कर्मचारी और पेंशनर्स दिल्ली चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। दरअसल 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सियासी दंगल और चुनावी मैदान पूरी तरह सज चुका है। इसके साथ ही दिल्ली का चुनाव इस बार बीजेपी के लिए काफी अहम माना जा रहा है। ऐसे में आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी देकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बड़ा सियासी दांव खेल दिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मनाना है कि 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा के चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार का यह ऐलान दिल्ली में बीजेपी के लिए सियासी संजीवनी साबित हो सकता है। मोदी सरकार के इस ऐलान से ‌दिल्ली में रहने वाले करीब 10 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधा फायदा पहुंचेग। यहीं वजह है कि ऐसे में यह घोषणा निश्चित तौर पर दिल्ली में बीजेपी के लिए चुनाव में वोट प्रतिशत बढ़ाने वाली है।

केन्द्रीय कर्मचारी कर रहे थे लंबे समय से इंतजार

बता दें केंद्र सरकार के कर्मचारी संगठन पिछले कई समय आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग उठाते रहे हैं। साल 2024 में भी कर्मचारियों की ओर से सांसदों ने कई बार संसद सत्र के दौरान इसे लेकर सवाल भी पूछे थे। उस समय केंद्र सरकार की ओर से जवाब दिया था कि फिलहाल आठवें वेतन आयोग के गठन का कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
माना जा रहा है कि दिल्ली चुनाव के बीच अचानक केन्द्र सरकार को आठवें वेतन आयोग के गठन की याद आ गई और उसने घोषणा भी कर दी। इससे दिल्ली में रहने वाले लाखों केंद्रीय कर्मचारी गदगद नजर आ रहे हैं। क्योंकि इस आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन में कई गुना वृद्धि हो सकती है।

क्या होगा दिल्ली की सियासत पर असर?

दिल्ली इस समय देश में सियासत का केंद्र बनी हुई है। ऐसे में देश की राजधानी दिल्ली में नगर निगम ही नहीं दिल्ली विकास प्राधिकरण DDA और पुलिस, डिफेंस, लॉ एंड ऑर्डर समेत कई ऐसे मंत्रालय हैं, जो केंद्र सरकार के अधीन आते हैं। इसके अतिरिक्त दिल्ली में अलग-अलग मंत्रालयों में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी नौकरी करते हैं और ये कर्मचारी रहते भी दिल्ली में ही हैं। दिल्ली सरकार के कर्मचारियों का वेतन भी इस समय केंद्रीय कर्मचारियों के समान है। ऐसे में केन्द्र सरकार की ओर से आठवें वेतन आयोग को लागू किये जाने पर उसके विभागों के कर्मचारियों का वेतन बढ़ जाएगा। इस लिहाज से भी केंद्र की मोदी सरकार का यह दांव दिल्ली विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के लिए संजीवनी साबित हो सकता है।

बीजेपी 20 सीटों पर पलट सकती है बाजी

दिल्ली में विधानसभा की 20 सीटों पर लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारक निवास करते हैं। जिन्हें सीधे तौर पर आठवें वेतन आयोग का लाभ भी मिलेगा। एक आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में करीब 10 लाख से ज्यादा केन्द्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनधारक निवास करते हैं। इनमें तकरीबन पांच लाख से अधिक कर्मचारी हैं। जबकि इतने ही पेंशनधारक भी हैं। इसके अतिरिक्त दिल्ली के अकेले रक्षा मंत्रालय और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों की संख्या करीब चार लाख के आसपास है। यह कर्मचारी विधानसभा चुनाव की दशा और दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें नई दिल्ली, दिल्ली कैंट, मुखर्जी नगर, आरके पुरम, कस्तूरबा नगर, कमला नगर, आंबेडकर नगर, जंगपुरा, साकेत, कालकाजी, मालवीय नगर, खानपुर, राजेंद्र नगर, वजीरपुर, पटपड़गंज और पटेल नगर विधानसभा सीट प्रमुख हैं। इस समय यह सीटें आम आदमी पार्टी के कब्जे में हैं। आप के कब्जे वाली इन विधानसभा सीटों पर केन्द्र की मोदी सरकार का यह दांव चुनाव की दिशा बदल सकता है।

बीजेपी झेल रही दिल्ली में 27 साल से वनवास

दिल्ली में बीजेपी ने साल 1993 का चुनाव जीत कर सरकार बनाई थी। इसके बाद साल 1998 में बीजेपी के हाथ से दिल्ली की सल्तनत चली गई। फिर इसके बाद बीजेपी की दिल्ली की सत्ता में कभी वापसी नहीं हो सकी। पहले 15 साल तक कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार को टक्कर देने में बीजेपी कमजोर साबित हुई। इसके बाद पिछले 12 साल से दिल्ली में आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के सामने बीजेपी लगभग पस्त ही नजर आई। हालांकि इस बार दिल्ली 2025 के विधानसभा चुनाव के दंगल में उतरी बीजेपी कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती है। यही वजह है कि आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर देश की सरकार ने दिल्ली की सरकार पर कब्जा करने काप्रयास किया है। दिल्ली चुनाव के लिए यह घोषणा काफी अहम मानी जा रही है।

(प्रकाश कुमार पांडेय)

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