दिल्ली विधानसभा चुनाव : नई दिल्ली सीट पर फंसा पेंच…चक्रव्यूह’ में फंसे केजरीवाल क्या चखेंगे राजनीतिक जीवन में पहली हार का स्वाद….?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब मतदान की बारी है। सत्तर सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से मैदान में उतरे हैं। जहां से बीजेपी के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित की ओर से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है। ऐसे में सियासी रणनीतिकार मान रहे हैं कि दिल्ली के दंगल में केजरीवाल इस बार बुरी तरह से घिर चुके हैं। चुनाव में उनका जीतना अब पिछली बार की तरह आसान नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या अरविंद केजरीवाल इसबार जीत का चौका लगाएंगे या वे पहली बार अपने राजनीतिक जीवन में हार का स्वाद चखेंगे?

दिल्ली विधानसभा चुनाव की लड़ाई अब दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी है। इस बार के चुनाव में दिल्ली में किसी एक दल के पक्ष में किसी तरह की कोई चुनावी लहर नजर नहीं आ रही है। बल्कि सत्तर सीटों में से अधिकांश सीट की अपनी लड़ाई है। बीजेपी और कांग्रेस की ओर से
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ही नहीं बल्कि उनके खास सिपहसलारों के खिलाफ अपने मजबूत प्रत्याशी चुनावी दंगल में उतारकर सियासी चक्रव्यूह रचा है। वैसे तो केजरीवाल दिल्ली के चुनावी दंगल में शुरुआत से ही विरोधियों के बनाए चक्रव्यू में घिरते नजर आ रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चौथी बार चुनाव के मैदान में उतरे हैं। लेकिन पिछली तीन चुनावी लड़ाई की तरह इस बार मुकाबला आसान नहीं है। कांग्रेस की ओर से संदीप दीक्षित और बीजेपी की ओर पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा जैसे दिग्गज नेता नई दिल्ली सीट पर उतरे हैं, जो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ तगड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं।

पूर्व सीएम को दो पूर्व सीएम के बेटे दे रहे टक्कर

यह दोनों प्रत्याशी पूर्व सीएम के बेटे हैं। संदीप दीक्षित की मां स्वर्गीय शीला दीक्षित दस साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं हैं। अरविंद केजरीवाल ने 2013 के चुनाव में दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को इसी नई दिल्ली विधानसभा सीट पर हराया था। वे तब से ही इस सीट से लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित से सत्ता छीनकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई थी। ऐसे में संदीप दीक्षित अपनी मां की हार का बदला पूरा करने के मूड में हैं।

सियासी रणनीतिकारों की मानें तो दिल्ली इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास के मापदंड पर लगातार पिछड़ रही है। इससे पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को इसका चुनाव में नुकसान हो रहा है। दलित और मुस्लिम वोट में नाराजगी है। जिससे दिल्ली में दलित और मुस्लिम वोटर्स बीजेपी और कांग्रेस में बंटते नजर आ रहे है। ऐसे में संदीप दीक्षित नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनावी फेरबदल कर सकते हैं।

केजरीवाल 20 हजार वोट से हारने जा रहे हैं!

वहीं दिल्ली के पूर्व सीएम स्वर्गीय साहब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा दिल्ली से सांसद भी रहे हैं। हालांकि विधानसभा के चुनाव में वे पहली बार सक्रिय हुए हैं। उन्हें ​बीजेपी की ओर से अघोषित तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री का भी चेहरा माना जा रहा है। हाल ही में बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चर्चा के दौरान यह लिखकर दिया था कि अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से 20 हजार वोट से हारने जा रहे हैं। प्रवेश वर्मा ने इस बात को दिल्ली में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सोमवार को एक बार फिर से दोहराया। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि तीन बार नई दिल्ली सीट से चुनाव जीतने वाले पूर्व सीएम केजरीवाल की हालत क्या वाकई में इस बार खराब हो गई है? सवाल यह भी है कि क्या केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट 20 हजार वोटों के बड़े अंतर से चुनाव हारने जा रहे हैं? या फिर वे नई दिल्ली सीट से इस बार जीत चौका लगाएंगे?

बता दें विपक्ष की इस रणनीति के चलते ही अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार में अपनी ही सीट में फंसे रहे। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने दूसरे इलाकों में बहुत अधिक वक्त नहीं दिया। ज्यादातर वे ​नई दिल्ली सीट और इसके आसपास के क्षेत्रों में ही रैलियां करते नजर आए।

(प्रकाश कुमार पांडेय)

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