Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में किसकी सरकार? दिल्ली चुनाव को लेकर फलोदी सट्टा बाजार ने बदली अपनी भविष्यवाणी जाने कौन बनेगा दिल्ली का किंग
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सट्टा बाजार के अपने अपने अनुमान आंकड़े आना शुरु हो गए है बता दें की दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होना है और 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे वही कई ऑपिनियन पोल में सत्तारुढ़ पार्टी को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है वही चुनावो को देखते हुए दिल्ली की कई राजनितिक पार्टी फ्रि का पिटारा खोल रही है दुसरी और दो साल से सत्ता में रहने वाली आम आदमी पार्टी भी जमकर फ्रि का जुमबला दिल्ली की जनता को दे रही है इसी बीच राजस्थान में स्थित फलौदी सट्टा बाजार, ने चुनाव से 10 दिन पहले अनुमान बदले हैं। चुनावों की घोषणा के समय, फलोदी सट्टा बाजार के अनुमानों में AAP को बढ़त दिखाई गई थी और 70 सदस्यीय विधानसभा में 36 के बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया था
कांग्रेस को होगा नुकसान
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कोई प्रतिनिधि नहीं मिलने के कारण कांग्रेस अभी तक दिल्ली में अपनी छाप छोड़ने के लिए बैताव है वही इस बार भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 की 70 सीटे पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं वही आम आदमी पार्टी से हटकर कांग्रेस ने हमला तेज करदीए हैं वहीं देखा जाए तो मुकाबाल अब कांग्रेस और आमदमी पार्टी के बीच में भी देखने को मिल रहा है केजरीवाल और लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक में अपने सहयोगी आप के खिलाफ अपना आक्रामक रुख तेज कर दिया है।
बीजेपी को हो सकता है फायदा
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस बार फायदा हो सकता है इसकी बजह मानी जा रही है की दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के अलग अलग चुनाव लड़ने के कारण बीजेपी को इसका सीधा फायदा हो सकता वही कांग्रेस की सभा की बात करे दिल्ली में कांग्रेस की सभा में भी कठोती देखने को मिली है कांग्रेस के दिग्गज नेताओ ने अभी तक मोर्चा नही संभाला है जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है
बीजेपी के खिलाफ लड़ाई कठिन
उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी मजबूत नहीं है, तो बीजेपी के खिलाफ लड़ाई कठिन हो जाएगी. कांग्रेस को कमजोर करके बीजेपी से नहीं लड़ा जा सकता. दिल्ली को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य करार देते हुए माकन ने कहा कि यह सर्वविदित है कि जो भी पार्टी राजधानी की लोकसभा सीटें जीतती है, वही केंद्र में सरकार बनाने में सफल होती है. आप दिल्ली में बीजेपी के खिलाफ लड़ने में पूरी तरह विफल रही है.