नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने मानहानी के मामले में पिछले दिनों दो साल की सजा सुनाई है। जिसके बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। देश भर में इसे लेकर जहां कांग्रेस केन्द्र सरकार के खिलाफ हल्लाबोल आंदोलन कर रही है तो वहीं अब सूरत कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राहुल गांधी याचिका दायर करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी सोमवार को सूरत की सेशन कोर्ट से मजिस्ट्र्ट अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग करेंगे। साथ ही वे इस मामले के निपटारे तक सजा पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग करेंगे।
- सूरत कोर्ट के खिलाफ राहुल गांधी करेंगे याचिका दायर
- सोमवार को राहुल गांधी कर सकते हैं याचिका दायर
- सेशन कोर्ट में करेंगे फैसला रद्द करने की मांग
- सजा पर अंतरिम रोक लगाने की भी करेंगे मांग
राहुल के खिलाफ मानहानि का एक और मामला
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ इस साल जनवरी में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनकी कथित टिप्पणी को लेकर हरिद्वार कोर्ट में मानहानि की एक और शिकायत दायर की गई है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को इक्कीसवीं सदी के कौरव कहा था। यह नया मामला अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने आरएसएस कार्यकर्ता कमल भदौरिया की शिकायत पर उत्तराखंड के हरिद्वार कोर्ट में भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 499 मानहानि और 500 मानहानि के लिए सजा के तहत दायर किया था। इस मामले में सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
2019 के मामले में सूरत कोर्ट ने सुनाई थी सजा
सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने राहुल गांधी को 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराया था। यह कहने के लिए कि सभी चोरों का नाम मोदी क्यों होते हैं। उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। अदालत की ओर से दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद जमानत दे दी गई थी। वहीं सजा सुनाए जाने के बाद राहुल को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सजा के बाद किया था अयोग्य घोषित मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया था कि वे अपनी सजा के दिन 23 मार्च से सदन से अयोग्य हैं। राहुल गांधी को अब एक उच्च न्यायालय का रुख करना होगा और अपनी सजा पर रोक लगानी होगी।