“तारीख पे तारीख” कब मिलेगा इंसाफ..?

कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने पेरिस ओलंपिक-2024 में पहलवान विनेश फोगाट की अयोग्यता पर अपना फैसला टाल दिया है। अंतिम फैसला 16 अगस्त को रात 9:30 बजे घोषित किया जाएगा। इस मामले की सुनवाई 9 अगस्त को आर्बिट्रेशन कोर्ट ने की थी, जिसमें विनेश फोगट वर्चुअली शामिल हुई थीं। 6 अगस्त को फोगट ने 50 किलोग्राम भार वर्ग में फाइनल में जगह बनाई थी और ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया था।

कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने पेरिस ओलंपिक-2024 में पहलवान विनेश फोगाट की अयोग्यता पर अपना फैसला टाल दिया है। अंतिम फैसला 16 अगस्त को रात 9:30 बजे घोषित किया जाएगा। इस मामले की सुनवाई 9 अगस्त को आर्बिट्रेशन कोर्ट ने की थी, जिसमें विनेश फोगट वर्चुअली शामिल हुई थीं। 6 अगस्त को फोगट ने 50 किलोग्राम भार वर्ग में फाइनल में जगह बनाई थी और ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया था। इस उपलब्धि ने उन्हें कुश्ती में कम से कम रजत पदक की गारंटी दी थी। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद फोगट को स्वीकृत वजन सीमा से अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद, उन्होंने स्थिति पर टिप्पणी करने से परहेज किया, लेकिन बाद में 8 अगस्त को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से कुश्ती से संन्यास की घोषणा की।

*100 ग्राम से गवाया मौका..
फाइनल मैच से पहले विनेश को 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जबकि प्रारंभिक दौर से पहले किए गए वजन में विनेश का वजन 50 किलोग्राम भार वर्ग की निर्धारित सीमा से कम था। ऐसे में विनेश ने संयुक्त रजत पदक की मांग की। विनेश के पक्ष में तर्क दिया गया कि 100 ग्राम वजन सामान्य है। यह एथलीट के वजन का 0.1% से 0.2% से अधिक नहीं होता। गर्मी के मौसम में मानव शरीर में सूजन के कारण यह आसानी से बढ़ भी सकता है। ऐसा जीवित रहने की मानवीय आवश्यकता के कारण होता है। गर्मी के मौसम में शरीर में स्वाभाविक रूप से अधिक पानी जमा हो जाता है।

*मुकाबले लड़ने के लिए ऊर्जा बनाए रखनी थी
सीएएस को बताया गया कि विनेश को एक ही दिन में 3 मुकाबले लड़ने थे। इस दौरान उसे ऊर्जा बनाए रखने के लिए खाना भी खाना था। ऐसे में उसका वजन 52.7 किलोग्राम तक पहुंच गया था। खेल गांव और ओलंपिक खेलों के मैदान के बीच की दूरी और पहले दिन लगातार मुकाबले होने के कारण विनेश को वजन कम करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखा।

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