टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से पहले ऑस्ट्रेलियन टीम में क्यों मचा है बवाल , जानें

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अब कुछ ही दिन बचे है. दोनों देशों के फैंस फाइनल के लिए काफी एक्साइटेड़ दिखाई दें रहे है.टीमे भी लंदन पहुंच गई है .इसी बीच ऑस्ट्रेलियन खेमे में बवाल मचा हुआ है. खबरे है कि ऑस्ट्रेलियन टीम के दिग्गज बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने अपने ही बोर्ड के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाएं है और उन पर जमकर भड़ास निकाली है. पूरा मामला क्या है, चलिए आपको बताते हैं.

 

क्या है मामला ?
डेविड ने एक अकबार को दिए हुए इंटरव्यू में कहा है कि जिस तरह बोर्ड ने उनकी कप्तानी पर बैन लगाया , वो अपमानजनक था. बोर्ड मामले में आसानी से निपटा सकता था, लेकिन बोर्ड ने मामले को लंबा खींचा, जो बहुत ही गलत था. आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलियन बोर्ड ने साल 2018 में डेविड वॉर्नर की कप्तानी पर आजीवन बैन लगा दिया था. हालांकि बोर्ड ने कुछ समय बाद अपने नियमों में बदलाव किए थे, जिसके तहत वॉर्नर ने अपने ऊपर लगे बैन को हटाने की मांग की थी. वॉर्नर की इस अपील पर ऑस्ट्रेलियन बोर्ड ने अभी तक कोई फैसला नहीं सुनाया हैं.

 

वॉर्नर से दायर की थी अपील
अकबार को दिए इंटरव्यू में वॉर्नर का कहना था कि उन्होंने पिछले साल नवंबर में अपील दायर करी थी. अपील मेंं उन्होंने कप्तानी से बैन हटाने की मांग की थी. लेकिन बोर्ड ने मुझे अपमानित करने का काम किया. में एक प्राइवेट रूम में अपनी अपील पर सुनवाई चाहता था लेकिन बोर्ड पब्लिकली मामले पर चर्चा करना चाहता था और मेरा अपमान करना चाहता था, जो मेरे लिए बहुत निराशाजनक था.

 

क्यों लगा था डेविड वॉर्नर पर बैन?
डेविड वॉर्नर पर बैन मशहूर पेपर गेट कांड के कारण लगा था. ऑस्ट्रेलियन टीम साल 2018 में साउथ अफ्रीका के दौरे पर गई थी, इस दौरान दौरे के दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियन टीम ने सैंड पेपर से बॉल टेंपरिग की थी. घटना में कैमरन बैनक्रॉफ्ट , डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ दोषी पाएं गए थे, जिसके बाद तीनों पर बैन लग गए थे.डेविड वॉर्नर उस समय ऑस्ट्रेलियन टीम के उपकप्तान थे, जिसके चलते उनकी कप्तानी पर आजीवन बैन लग गया था.

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