महाकुंभ 2025: पवित्र गंगा में स्नान के बाद इन मंदिरों में अवश्य करें दर्शन….प्रयागराज में प्रसिद्ध है हनुमान जी का ये मंदिर

Darshan of the holy Mahakumbh famous Hanuman temple in Tirtharaj Prayag

तीर्थराज प्रयाग में पावन महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम तट पर डुबकी लगाने के लिए करोड़ो श्रद्धालु हर दिन प्रयागराज पहुंच रहे हैं। हम बताते हैं कि आप पुण्य कमाने तीर्थराज प्रयागराज जा रहे हैं तो इन मंदिरों के दर्शन करना न भूलें।

तीर्थराज प्रयागराज को दुनिया के सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ की शुरूआत हो चुकी है। हर दिन कई करोड़ लोगों ने प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। प्रयागराज में जिन मंदिरों में दर्शन के लिए भीड़ जुट रही है ​उनमें अक्षयवट भी शामिल है। अक्षयवट जिसे अविनाशी वटवृक्ष कहा जाता है, जो पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित एक पवित्र बरगद का पेड़ है। ऐसा कहा जाता है कि वनवास के दौरान भगवान श्री राम, लक्ष्मण और मां सीता ने यहां पर विश्राम किया था।

प्रयागराज में प्रसिद्ध है श्री लेटे हुए हनुमान का मंदिर

दारागंज में गंगा जी के तट पर लेटे हुए हनुमान जी प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि यहां राम भक्त श्री हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना संत समर्थ गुरु रामदास जी ने की थी। यहां पर शिव-पार्वती के साथ गणेश, भैरव, दुर्गा, काली और नवग्रह की प्रतिमा भी मंदिर परिसर में स्थापित हैं। इस मंदिर के समीप ही श्री राम जानकी मंदिर और हरित माधव मंदिर भी स्थित है। मान्यता है कि संत समर्थ गुरु रामदास जी महाराज ने यहां हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की थी।

गंगा के तट पर पवित्र सरस्वती कुआं

सरस्वती कूप एक पवित्र कुआं भी स्थित है। यह त्रिवेणी संगम स्थित अकबर के किले के अंदर है। यहां किले में स्थित सरस्वती कुंआ के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूजा की थी।

प्राचीन पातालपुरी मंदिर

प्रयागराज में प्राचीन पातालपुरी मंदिर भी है। कहते हैं यह भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा बताया जाता है। यहां भूमिगत मंदिर प्रयागराज किले के अंदर अक्षयवट के नजदीक बना हुआ है।

मनकामेश्वर मंदिर में पूरी होती हैं मनोकामना

प्रयागराज किले में पश्चिम यमुना तट पर स्थित मिंटो पार्क के समीप स्थित मनकामेश्वर मंदिर में काले पत्थर की भगवान शिव का एक लिंग स्थापित है। साथ ही श्री गणेश और नंदी की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मंदिर में हनुमान जी की भी एक बड़ी प्रतिमा स्थापित है। वहीं मनकामेश्वर मंदिर के समीप ही पीपल का एक प्राचीन पेड़ है।

आस्था का केन्द्र है महर्षि भारद्वाज आश्रम

प्रयागराज में भारद्वाज मुनि से जुड़ा एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी है। बता दें भारद्वाज मुनि के समय यह शिक्षा का एक बड़ा केंद्र हुआ करता था। ऐसी धार्मिक मान्यता भी है कि वनवास के दौरान चित्रकूट जाते समय भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ इस स्थान पर आए थे।

नगर देवता का वेणी माधव मंदिर

प्रयागराज में भगवान वेणी माधव को तीर्थराज प्रयागराज का नगर देवता माना जाता है। वेणी माधव मंदिर संगम तट के समीप दारागंज में स्थित है। यहां भगवान विष्णु 12 स्वरूप में विद्यमान हैं।

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