मिचौंग : 110 किमी प्रति घंटे होगी हवा की रफ्तार
बंगाल की खाड़ी से पिछले दिनो 2 दिसंबर को उठने वाला साइक्लोन मिचौंग का कहर बढ़ता जा रहा है। आज दोपहर आंध्र प्रदेश के बापटला के पास नेल्लोर-मछलीपट्टनम के बीच इस तूफान के टकराने की आशंका बनी हुई है। मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट के मुताबिक इस दौरान करीब 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। ऐसे में साइक्लोन को लेकर आंध्र प्रदेश में हाई अलर्ट जारी किया गया है। राज्य सरकार की ओर से तिरुपति ही नहीं नेल्लोर, बापटला,प्रकाशम, कृष्णा, कोनसीमा, पश्चिम गोदावरी और काकीनाड़ा जिले में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। इन सभी 8 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।
ट्रेन कैंसिल और फ्लाइट्स रद्द, स्कूल भी बंद
उधर चेन्नई में भारी बारिश के चलते 12 फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। कई ट्रेनों को भी रद्द किया गया है। इसके साथ ही स्कूलों में भी मंगलवार 5 दिसंबर तक की छुट्टी घोषित कर दी गई है। बता दें चेन्नई में भारी बारिश के चलते 8 लोगों की असमय मौत की भी खबर सामने आई है।
मध्य प्रदेश में भी होगा तूफान मिचौंग का असर
- शहडोल, जबलपुर सहित कई जिलों में बारिश की आशंका
- साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस, ट्रफ लाइन है कारण
- तापमान में भी लगातार गिरावट,भोपाल में 4.9 डिग्री लुढ़का पारा
- 11 दिसंबर से फिर शुरू हो सकता है बारिश का दौर
एमपी समेत तीनों राज्यों आज हो सकता सीएम का ऐलान
- बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अमित शाह से की मुलाकात
- सीएम चेहरे को लेकर हुई है चर्चा
- एमपी में भी कई नाम सीएम की रेस में शामिल
बीजेपी ने तीन हिन्दी भाषी राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर अपना परचम लहराया है। इसके पार्टी के वरिष्ठ नेता अब इन तीनों राज्यों में अगले सीएम के नाम का चयन करने में जुटे हैं। मध्य प्रदेश में वैसे वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान सीएम हैं। लेकिन चुनाव से पहले पार्टी ने मप्र के साथ ही तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी। इन राज्यों में पार्टी का सामूहिक नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा था। लिहाजा पार्टी अब आने वाले लोकसभा चुनाव और आगे के 15 से 20 साल की राजनीति पर फोकस करते हुए तीनों राज्यों के नए मुख्यमंत्री का चयन करना चाहती है। ऐसे में तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरे की तलाश कर रही है। इसके चयन को लेकर सोमवार 4 दिसंबर को पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर मंथन भी किया है। सूत्र बताते हैं इन दोनों नेताओं ने बैठकर तीनों राज्यों के सियासी हालात के साथ भविष्य की राजनीति और पार्टी संगठन के नए चेहरे को लेकर कई पहलुओं पर चर्चा की है।
दिग्विजय सिंह ने EVM पर फिर उठाया सवाल
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली है। यहां बीजेपी ने उम्मीद से बढ़कर बंपर जीत दर्ज करते हुए 163 सीट अपने नाम की हैं। कांग्रेस राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से महज 66 पर ही सिमट कर रह गई। ऐसे में बीजेपी इस बंपर जीत के बाद कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर EVM पर सवाल खड़े किये हैं। मंगलवार 5 दिसंबर को दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर EVM पर सवाल उठाए और कहा ऐसी कोई भी मशीन जिसमें चिप लगी हो उसे हैक किया जा सकता है। वे साल 2003 से ही EVM से वोटिंग कराए जाने के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने सवाल करते हुए कहा क्या भारतीय लोकतंत्र को प्रोफेशनल हैकर्स को कंट्रोल करने दे सकते हैं?।
- दिग्विजय ने कहा जब तंत्र जीतता है तो जनता हारती है
- पोस्टल वैलेट में 199 सीटों पर बढ़त मिली,ईवीएम में हारे
- कार्यकर्ता,कांग्रेस को वोट करने वालों का जताया आभार
मप्र में विधानसभा हार का मंथन करेगी कांग्रेस
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस इसके परिणामों की समीक्षा करने वाली है। इसके लिए आज मंगलवार 5 दिसंबर को मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमल नाथ ने सभी प्रत्याशियों की बैठक बुलाई है। बैठक में सभी से पूछा जाएगा कि कांग्रेस के पक्ष में वातावरण होने के बाद आखिर चूक कहां और कैसे हुई। जिससे पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान हारे हुए प्रत्याशियों के साथ जीतने वालों को भी बुलाया गया है।
- सभी 230 प्रत्याशियों को बुलाया गया मुख्यालय
- आज दोपहर 11 बजे कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय
- सभी प्रत्याशी देंगे अपनी अपनी सीट की रिपोर्ट
- पीसीसी चीफ कमलनाथ मुख्यालय में रहेंगे मौजूद
- दिग्विजय सिंह समेत तमाम पदाधिकारी रहेंगे मौजूद
- कांग्रेस की सीटवार होगी हार की समीक्षा
- रणदीप सुरजेवाला भी रह सकते हैं मौजूद
- प्रत्याशियों की रिपोर्ट के बाद कमलनाथ देंगे रिपोर्ट
- कमलनाथ देंगे केंद्रीय नेतृत्व के सामने प्रदेश की रिपोर्ट