महाराष्ट्र चुनाव से पहले सियासत में गाय की एंट्री…जानें महाराष्ट्र की राज्यमाता को लेकर क्या बोले विपक्षी दल…
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने गाय को राज्यमाात का दर्जा देकर सियासत के मैदान में सिक्सर मार दिया है। महाराष्ट्र की शिंदे सरकार Shinde government की ओर से यह बड़ा फैसला ऐसे समय लिया गया है, जब इस साल नवंबर-दिसंबर में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव maharashtra assembly elections होना हैं। विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की शिंदे सरकार का यह एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है। जिससे चुनाव की दिशा बदल सकती है।
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में चुनावी सियासी घमासान मच गया है। कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किये गये हैं और कहा गया है कि एक तरफ गाय को ‘राज्यमाता-गोमाता’ का दर्जा दे रहे हैं और दूसरी ओर तिरुपति मंदिर के प्रसाद में भक्तों को गाय की चर्बी मिला कर दी जा रही है।
महाराष्ट्र में ‘गौ माता’ बनी ‘राज्यमाता’
चुनाव से पहले राजनीति के साथ गाय नीति
महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने लिया बड़ा फैसला
गाय को राज्य माता का दर्जा देने वाला देश का पहला राज्य
बता दें सीएम एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।जिसमें कहा है कि वैदिक काल से ही भारतीय संस्कृति में देशी गाय की स्थिति और मानव आहार में देशी गाय के दूध की उपयोगिता का महत्व रहा है। कैबिनेट की ओर से लिये गये फैसले को जारी करते हुए शिंदे सरकार ने कहा है कि वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देशी गाय की स्थिति ही नहीं देशी गाय के दूध की उपयोगिता के साथ ही आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति और जैविक कृषि प्रणालियों में देशी गाय के गोबर के साथ गोमूत्र के महत्व को ध्यान में रखा गया था। यह देखते हुए ही देशी गायों को अब से महाराष्ट्र में “राज्यमाता गोमाता” घोषित करने की मंजूरी दे दी गई है।
डिप्टी सीएम बोले गाय किसानों के लिए एक वरदान
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट में लिये गये फैसले का स्वागत करते हुए कहा देसी गाय भारतीय किसानों के लिए एक वरदान है। इसलिए सरकार ने इन्हें राज्य माता का दर्जा देने का निर्णय लिया है। सरकार ने देसी गोमाता के परिपोषण और गाय के चारे के लिए मदद करने का भी फैसला लिया है।
हाल ही में चुनाव आयोग ने किया था दौरा
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियों अंतिम चरणों में है। तैयारियों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग की टीम 28 सितंबर को महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर पहुंची थी। दो दिन के दौरे के दौरान चुनाव आयोग की टीम ने वहां राजनीतिक दलों के साथ ही आला अधिकारियों के साथ बैठकें कीं थी। चुनाव आयोग की ओर से बताया गया था कि महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव 26 नवंबर से पहले कराना होंगे, क्योंकि नवंबर माह में महाराष्ट्र विधानसभा कार्यकाल पूरा हो रहा है।