उत्तर प्रदेश में सभी 17 नगर निगम और दो विधानसभा सीटों की जीत ने भाजपा को गदगद कर दिया है। पार्टी के तमाम नेताओं सहित कार्यकर्ताओं को इस सफलता का श्रेय मिल रहा है,पर कुछ दिग्गज नेता ऐसे भी हैं जिन्होंने राज्य के कई हिस्सों में चुनावी प्रचार किया और प्रत्याशियों की जीत में मील का पत्थर बने,लेकिन अपने ही गढ़ के प्रत्याशियों को जिताने में कामयाब नहीं हो पाए।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के गढ़ में हार गई भाजपा
उप्र के उप मुख्यमंत्री सीएम बृजेश पाठक के गृह नगर हरदोई के मल्लावां में भाजपा की करारी हार का सामना करना पड़ा है। यहां पाठक ने रोड शो से लेकर जनसभा भी कर डाली। इसके बाद भी निर्दलीय प्रत्याशी तबस्सुम ने चुनाव जीता और भाजपा की सुशीला देवी चौथे नम्बर पर रहीं।
मंत्री संदीप सिंह और रजनी के क्षेत्र में हारी भाजपा
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र और बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह भी अपने विधानसभा क्षेत्र अतरौली के प्रत्याशी को चुनाव जिताने में सफल नहीं हो पाए। यहां सपा के उम्मीदवार वीरेन्द्र सिंह लोधी ने भाजपा के पवन वर्मा को पराजित किया है। इसी तरह राज्य की शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के क्षेत्र शाहाबाद में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कई दावेदारों को दरकिनार कर संजय मिश्र को शाहाबाद नगर पालिका सीट से भाजपा का उम्मीदवार बनवाया था। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने यहां चुनावी जनसभा की थी जबकि रजनी तिवारी ने भी गली-गली घूमकर पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे। फिर भी सपा प्रत्याशी नसरीन बानो ने संजय मिश्रा को साढ़े चार हजार वोटों से हरा दिया है।
मंत्री दिनेश सिंह और मयंकेश्वर भी नहीं जिता पाए
राज्य के कद्दावर मंत्री दिनेश प्रताप सिंह और भाजपा की विधायक अदिति सिंह के गढ़ रायबरेली में भाजपा चुनाव नहीं जीत पाई। नगर पालिका अध्यक्ष पद के भाजपा प्रत्याशी शालिनी कनौजिया को शिकस्त मिली है। इस सीट पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभा की और दिनेश प्रताप सिंह और आदिति सिंह ने गली-गली घूमकर वोट मांगे थे। इसी तरह हाई प्रोफाइल माने जाने वाले मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी अपना गढ़ नहीं बचा पाए। शरण के तिलाई क्षेत्र और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अमेठी लोकसभा क्षेत्र में आने वाली जायस नगर पालिका सीट भाजपा ने गवां दी है।
अपनी बहन को नहीं जिता पाए मंत्री खटिक
राज्यमंत्री दिनेश खटीक अपनी बहन को चुनाव नहीं जीता सके। हस्तिनापुर सीट से विधायक दिनेश खटीक अपनी बहन वर्षा मोघा को सरसावां सीट से चुनाव नहीं जिता पाए वे तीसरे नंबर पर रहीं।सहारनपुर के रामपुर मनिहारान नगर पंचायत सीट पर राज्यमंत्री जसवंत सैनी की साख जुड़ी हुई थी, लेकिन मतदाताओं ने भाजपा को सिरे से नकार दिया है। यहां भी भाजपा प्रत्याशी को करारी हार मिली है। हालांकि उन्होंने इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई थी इसके बाद भी सफलता नहीं मिली।
मंत्री-सांसद के बूथ पर हार गई भाजपा
उप्र सरकार में राज्यमंत्री बलिया के रहने वाले डॉ.दयाशंकर मिश्र दयालु के वार्ड 66 मध्यमेश्वर पर सपा का पार्षद चुना गया। यह वार्ड मंत्री के प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ था। मतदान के दिन वह ज्यादातर समय मैदागिन चौराहे पर ही मौजूद दिखे,लेकिन भाजपा को जीत नहीं दिला पाए। मंत्री नंद गोपाल नंदी के वार्ड में पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। नंदी के वार्ड संख्या 80 मोहित्समगंज में भाजपा उम्मीदवार विजय वैश्य तीसरे नंबर पर रहे।
सांसद बृजभूषण के गढ़ में भाजपा को शिकस्त
भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती महांसघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के क्षेत्र से भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। गोंडा नगर पालिका अध्यक्ष सीट पर सपा उम्मीदवार उजमा राशिद ने जीत दर्ज की है। नवाबगंज नगर पालिका परिषद से निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. सतेंद्र सिंह जीते। भाजपा की यह हार बृजभूषण के लिए आगे चलकर बड़ी चुनौती बन सकती है।