कॉरपोरेट जगत में नौकरियों के जाने का खतरा 2023 में बढ़ा, महामारी के दौरान कंपनियों को हुआ था फायदा

हरेक बड़ी कंपनी कर रही है ले-ऑफ

Companies Layoff in 2023: टेक कंपनियों के लिए पिछला साल यानी 2022 ठीक नहीं रहा। यूरोप और अमेरिका में मंदी की छाया दिख रही है। ग्लोबल मंदी की आशंका और कोविड-19 महामारी के कारण टेक कंपनियों से लेकर अन्य सेक्टर की कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी की थी। फिलहाल, यह कटौती 2023 में भी जारी रहने वाली है। मेटा, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, सेलफोर्स समेत अन्य कई कंपनियों ने अपने अतिरिक्त कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की है।

साल 2020 के दौरान टेक कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम करने की सुविधा दे दी। इसके बाद कंपनियों को होने वाले खर्च में भारी कमी आई, हालांकि भारत में वर्क फ्रॉम होम के दूसरे मायने भी निकाले गए। कंपनियों ने काम के घंटे भी अनौपचारिक तौर पर बढ़ा दिए।  कंपनियों के मुनाफा में भी बढ़ोतरी हुई थी, उनके शेयरों में भी उछाल आया, लेकिन अब कंपनियां घाटे की ओर जा रही हैं। इसी कारण से अब कर्मचारियों को पिंक स्लिप थमाने की तैयारी हो रही है।

कहां लटक रही है खतरे की तलवार

बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ने 10,000 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है जो कि कंपनी की कुल वैश्विक क्षमता का 5 फीसदी से कुछ कम है। वहीं Adobe अपने 100 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगा, टेक कंपनी सिस्को अपने कर्मचारियों का 5 प्रतिशत को नौकरी से निकालेगा। कॉइनबेस 1200 कर्मचारियों, डैपर लैब्स 22 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएगा।

क्वालकॉम, सिल्वरगेट, अपस्टार्ट और अन्य कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को निकालने की योजना बनाई हैं। ये कंपनियां 2023 के दौरान लोगों को नौकरी से निकालेंगी।

 

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