जानें वक्फ बोर्ड को लेकर क्यों हो रहा है विवाद…वक्फ के पास भारत में कितनी संपत्ति है

Controversy over Waqf Board Act amendment Government of India Opposition protest

वक्फ अरबी भाषा के शब्द से मिलकर बना है। जिसका अर्थ है ठहरना। वक्फ का मतलब होता है ट्रस्ट। दान की संपत्ति को जन कल्याण में समर्पित करना। इस्लाम को मानने वाले दान अपनी संपत्ति वक्फ करते हैं । यह चल अचल दोनों तरह की हो सकती है। यह दौलत वक्फ बोर्ड के तहत आती है। इसकी देखरेख इसका हिसाब किताब पूरा काम वक्फ बोर्ड करता है।

कौन दे सकता है डोनेशन

वक्फ बोर्ड में कोई भी वयस्क मुस्लिम व्यक्ति अपने नाम की प्रॉपर्टी दे सकता है। वैसे वक्फ बोर्ड एक स्वशासी संस्था है। जिसके लिए कोई जबरदस्ती नहीं की जाती। इस्लाम धर्म के मानने वाले और इस्लाम धर्म में दान धर्म के लिए एक और तारीका प्रचलित है। जिसे कहा जाता है जकात। जकात हैसियतमंद मुसलमान के लिए अनिवार्य है। आपकी पूरी आमदनी जो साल भर में कमाते हैं और उसे पर आपकी जो बचत होती है उसका ढाई प्रतिशत हिस्सा किसी भी जरूरतमंद को दे देते हैं जिसे कहा जाता है जकात।

कैसे काम करता है वक्फ बोर्ड

वक्फ बोर्ड के पास काफी संपत्ति है। जिसका रखरखाव ठीक-ठाक से वह देखभाल ठीक से हो इसके लिए स्थानीय इस लेकर बड़े स्तर पर समितियां बनी हैं। जिसे वक्फ बोर्ड कहा जाता है। तकरीबन हर राज्य में वक्त बोर्ड सिया और सुन्नी वक्त बोर्ड अलग-अलग हैं। उनका काम चल अचसंपत्तियों की देखभाल करना है। उनकी आय का सही इस्तेमाल करना है। संपत्ति से गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना है। अन्य धार्मिक संस्थाओं के निर्माण शिक्षा की व्यवस्था करना अन्य धर्म के कार्य को लेकर पैसे देने संबंधी काम वक्त बोर्ड के तहत आता है। केंद्र में वक्फ के साथ सेंट्रल वक्फ काउंसिल का गठन किया है। अल्पसंख्यक विभाग के तहत यह काउंसिल आती है। जिसमें बताया गया है कि भारत में कुल 32 वक्फ बोर्ड काम कर रहे हैं।

क्या है वक्फ कानून

वर्ष 1954 में नेहरू सरकार के समय वक्त अधिनियम पारित किया गया था। इसके बाद इस अधिनियम के तहत इस अधिनियम का केंद्रीय कारण किया गया। 1954 में वक्फ एक्ट बनाया गया जो वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का रखरखाव करता है। इस एक्ट में अब तक कई बार संशोधन किए जा चुके हैं।

वक्फ  बोर्ड में कौन-कौन शामिल होता है

वक्फ बोर्ड में सर्वे कमिश्नर होता है जो संपत्तियों का लेखा-जोखा रखता है। इसके अलावा वक्फ बोर्ड में मुस्लिम विधायक, मुस्लिम सांसद, मुस्लिम आईएएस अधिकारी, मुस्लिम टाउन प्लानर, मुस्लिम अधिवक्ता, मुस्लिम बुद्धिजीवी और समाज में अच्छी हैसियत रखने वाले या समाज में जिनका योगदान है। वे लोग शामिल होते हैं। वक्फ ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक अधिकारी होते है। इसमें कौन शामिल होगा इसका निर्णय राज्य सरकार ही तय करती है। राज्य सरकार का प्रयास होता है कि वह बोर्ड का गठन अधिक से अधिक मुसलमान को शामिल करके किया जाए।

बोर्ड को लेकर आखिर क्यों हो रहा है विवाद

आपको बता दें यूपीए सरकार के समय वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां प्रदान की थी। संपत्तियों को विशेष दर्जा दिया गया था जो किसी ट्रस्ट आदि से ऊपर है। वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति के बारे में या जांच कर सकता है कि वह संपत्ति वक्फ की है या नहीं। अगर बोर्ड किसी संपत्ति को अपना कहते हुए दावा करता है तो उसके उलट उसे सिद्ध करना काफी मुश्किल होता है। इसके निर्णय को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी आप चुनौती नहीं दे सकते।

कौन सी चीज सबसे अधिक विवादित

वक्फ बोर्ड जहां भी कब्रिस्तान की घेराबंदी करता है। अक्सर उसके आसपास की जमीन पर भी अपना दावा करते हुए उसे भी अपनी संपत्ति बता देता है। कानून के यह जरूर कहता है कि प्राइवेट प्रॉपर्टी पर वक्फ अपना दावा नहीं कर सकता। लेकिन यह तय करना काफी मुश्किल रहता है कि कोई संपत्ति निजी है या नहीं जमीन के पक्के कागज ना होने पर किसी दूसरे की प्रॉपर्टी या जमीन को वक्त ले लेता है जबकि वक्फ को अपनी बात सिर्फ सिद्ध करने के लिए किसी तरह का कोई दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ती।

वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है

भारत में वक्फ बोर्ड के पास कई संपत्तियां हैं। वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के अनुसार भारत में करीब 85500 लाख से ज्यादा संपत्तियों वक्फ बोर्ड के पास है। सेना और रेलवे के बाद भारत में सबसे अधिक संपत्ति के मामले में वक्फ बोर्ड का नाम आता है। यूपी में सबसे अधिक संपत्ति वक्त के पास है। उत्तर प्रदेश में सुन्नी वक्त बोर्ड के पास 210239 संपत्तियां हैं जबकि शियाबोर्ड के पास 15380 संपत्तियां हैं। हर साल हजारों व्यक्तियों के द्वारा वक्फ में संपत्ति दान की जाती है। जिस वक्फ बोर्ड की संपत्ति में बढ़ोतरी होती जाती है।

सरकार यह करने जा रही है

केंद्र ने वर्क बोर्ड के असीमित अधिकारों को सीमित करने के लिए प्रस्ताव दिया। इसमें वक्फ की संपत्ति का वेरिफिकेशन अनिवार्य है। ऐसा ही वेरिफिकेशन उन संपत्तियों के लिए भी होगा। जिस पर निजी प्रॉपर्टी होने का संदेह है कई साल से वहां रह रहे लोगों ने उसे पर अपना कब्जा कर रखा है।

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