लखनऊ। पिछले सप्ताह पीलीभीत के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को सस्पेंड कर दिया गया था। उसके ऊपर आरोप था कि वह बहुसंख्यक संप्रदाय के बच्चों को भी विवादित शायर इकबाल की नज्म पढ़वाते थे। बता दें कि, इकबाल वही शायर थे जिन्होंने जिन्ना के साथ मिलकर भारत के बंटवारे की पैरवी की थी और उनके कई शेर विवादित हैं। अब फुरकान अली का सस्पेंशन वापस ले लिया गया है।
- इकबाल की नज्म जबरन सभी बच्चों से पढ़वाते थे
- प्रिंसिपल फुरकान अंसारी को फिर से बहाल किया गया
- इस नज्म का विहिप ने किया था विरोध
प्रधानाध्यापाक फुरकान अंसारी का निलंबन तो वापस ले लिया गया है। हाँ, उसका स्थानांतरण दूसरे स्कूल में कर दिया गया है। साथ ही, वह अब हेडमास्टर की जगह आम टीचर की भूमिका का ही निर्वाह करेंगे। फुरकान के दिव्यांग होने के कारण यह किया गया है।
उनको विहिप की शिकायत पर हटाया गया था। शिकायत के अनुसार फुरकान बहुसंख्यक समुदाय के बच्चों को- लब पै आती है दुआ बन के- नज्म गवाते थे, जो आम तौर पर मदरसों में गायी जाती है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि फुरकान को अंतिम और सख्त चेतावनी देकर छोड़ा गया है। वह अगर अब ऐसी कोई बात करेंगे, तो उनकी नौकरी भी जा सकती है।