मध्यप्रदेश में साल के अंत में विधानसभा होने जा रहे है. चुनावों के बीच पार्टियां एक दूसरे पर वार पलटवार का मौका नहीं छोड़ रही है. नेता एक दूसरे पर बयानबाजी करने से पीछे नहीं हट रहे है.इसी बीच खबर आ रही है कि कांग्रेस विधानसभा चुनावों का शंखनाद करने जा रही है . खास बात है कि मप्र के विधानसभा चुनावों का शंखनाद खुद कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी करेंगी. प्रियंका 12 जून को जबलपुर में एक विशाल रैली को संबोधित करेंगी. रैली में कांग्रेस, जिले भर से करीब 1 लाख लोगों को जुटाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस नेताओं ने रैली के लिए जगह तलाशना भी शुरू कर दिया है. हालांकि कांग्रेस द्वारा विंध्य – महाकौशल के इलाकों से चुनाव प्रचार की शुरूआत करने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है.
प्रियंका बनेगी मप्र में कांग्रेस का चेहरा
कांग्रेस प्रियंका गांधी के चेहरे को आगे रखकर मप्र में चुनाव लड़ने का प्लान बना रही है. बीजेपी ने चुनावी साल में लाडली बहना योजना को प्रारंभ कर महिला वोटों को अपने पाले में करने का बड़ा दांव चला है, अब कांग्रेस प्रियंका गांधी को मैदान में लाकर महिला वोट बैंक को साधने की कोशिश करेगी. प्रियंका इस समय कर्नाटक में चुनावी प्रचार कर रही है. कहा जा रहा है कि वे अकेले ही मप्र में कांग्रेस का चुनाव प्रसार करेगी. उन्होंने इससे पहले हिमाचल में अकेले प्रचार का मोर्चा संभाला था और कांग्रेस को सत्ता में वापसी कराई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने राहुल गांधी को रखकर पार्टी को कुछ खास सफलता नहीं प्राप्त नहीं हुई थी , इसलिए पार्टी इस बार के विधानसभा चुनावों में पीएम के सामने प्रियंका गांधी को खड़ा करना चाहती है.
जबलपुर से प्रचार की शुरूआत के क्या है सियासी मायने ?
कांग्रेस द्वारा जबलपुर से प्रचार की शुरूआत के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है. पिछले चुनावों में कांग्रेस को विंध्य महाकौशल के इलाकों से भारी नुकसान झेलना पड़ा था, इसलिए कांग्रेस आगामी चुनावों में इन इलाकों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस का खास फोकस इस बार ऐसे इलाकों पर है जहां उसे पिछले चुनावों में अच्छे नतीजे नहीं मिले थे. पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि अगर कांग्रेस इन इलाकों से अपने चुनाव अभियान की शुरूआत करेगी तो उसे इसका सकारात्मक असर देंखने को मिलेगा. ऐसे में इन इलाकों से अच्छे नतीजे आते है तो पार्टी के लिए सत्ता की सीड़ी आसान हो जाएगी.
महिला वोट बैंक की लड़ाई
आगामी विधानसभा चुनावों की लड़ाई महिला वोट बैंक पर लड़ी जाने वाली है. भाजपा लाड़ली बहना योजना का प्रारंभ कर अपना दांव खेल चुकी है, वहीं कांग्रेस भी महिलाओं के लिए कई वादे कर चुकी है. कांग्रेस विंध्य महाकौशल के इलाके में मार्च भी निकालने की तैयारी कर रही है.अब यह देंखने वाली बात होगी कि प्रियंका गांधी के चुनावी रण में उतरने से कांग्रेस महिला वोटों को साधने में कामयाब हो पाएगी या नहीं ?