लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। अब नेता अपने-अपने काम में जुट गए हैं। लेकिन बयान बाजी अब भी बंद नहीं हुई है। सौहार्द के वातावरण में भी कहीं-कहीं यह नजर आने लगी है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान की। जहां लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सबसे चर्चित सीटों में से एक चूरू से कांग्रेस के टिकट पर जीत कर आए राहुल कस्वां ने भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ पर सियासी हमला बोला है।
- चूरु से बीजेपी के सांसद रह चुके हैं राहुल कस्वां
- फिर लड़ना चाहते थे चूरु से राहुल कस्वां चुनाव
- बीजेपी ने काट दिया था टिकट
- टिकट कटने से नाराज कस्वां ने थाम लिया कांग्रेस का दामन
- कांग्रेस के टिकट पर चूरु सीट से दर्ज की जीत
- कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां ने कहा—वसुंधरा जी बड़ी नेता हैं
कस्वां ने कहा वे जिले की राजनीति के सितारे हैं। राजेंद्र राठौड़ के लिए इस तरह के शब्द उन्होंने इस्तेमाल किये। कस्वां ने कई लोगों का सियासी करियर खत्म करने का भी आरोप राजेंद्र राठौड़ पर लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा हम वसुंधरा राजे के नेतृत्व में ग्रूम हुए हैं।
राहुल कस्वां ने कहा यह चुनाव एक विचार के खिलाफ लड़ा था। बीजेपी से टिकट कटने के बाद 8 मार्च को जब वे क्षेत्र में उतरे तो उन्हें जनता का अपार स्नेह मिला। विश्वास भी मिला। इस विश्वास के चलते उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस बीच कांग्रेस ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर सदस्य बनाया। चुनाव में कांग्रेस की पूरी टीम ने मजबूती के साथ काम किया। चूरू की सभी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले नेताओं और कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी का उन्हें भरपूर सहयोग मिला। वे एक मकसद को लेकर चुनाव में उतरे थे और जनता ने उनके साथ दिया।
राजस्थान बीजेपी में नहीं वसुंधरा के कद का नेता
वहीं उन्होंने वसुंधरा राजे की तारीफ करते हुए कहा वसुंधरा राजे ने नई लीडरशिप को विकसित किया है। दरअसल वसुंधरा राजे का प्रशंसक होने के सवाल पर कास्वां ने कहा वसुंधरा जी 100 फीसदी वरिष्ठ नेता हैं। वह उनके प्रसिद्ध प्रशंसक हैं और आज भी हैं। इसमें कोई दो राय नहीं। खुले मंच से कई बार यह बात कह चुके हैं। कस्बा ने कहा उनके पिता भी सांसद रहे। विधायक भी रहे। उनकी लीडरशिप में हम ग्रूम हुए हैं। वसुंधरा जी ने राजस्थान में नेता बनाए हैं। पूरे राजस्थान में अगर आज किसी की बात होती है तो वे वसुंधरा जी की होती है। वसुंधरा जी की बेहतरीन फैन फॉलोइंग भी है। कई बैठकों में देखा है। जब तक वे भाजपा में रहे उनके प्रति आदर भाव रहा। आज भी उनके मन में वसुंधरा जी के प्रति उतना ही मान सम्मान है। हालांकि अब वह दोनों अलग-अलग पार्टियों में है। हम विपक्ष में बैठेंगे और मजबूती से विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करेंगे।