मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में बहस की शुरु हो गई है। इस बहस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हिस्सा ले रहे हैं। बहस 10 अगस्त तक चलेगी। प्रधानमंत्री मोदी 10 अगस्त को इस चर्चा का जवाब देंगे। इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का समय बढ़ाकर 16 घंटे कर दिया है। चर्चा के लिए पहले दो दिन में कुल 12 घंटे का समय तय किया गया था।
- लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरु
- कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की चर्चा की शुरुआत
- अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का समय बढ़ाया
- अब करीब 16 घंटे होगी इस पर चर्चा
- 10 अगस्त को पीएम मोदी देंगे चर्चा का जवाब
अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा को लेकर केन्द्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सवाल दागा कि मणिपुर हिंसा को खत्म करने के लिए पहल नहीं की गई। पीएम मोदी क्यों वहां नहीं गए। उन्होंने कहा राहुल गांधी ने पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर पहले ही सरकार को आगाह किया था, लेकिन सरकार विपक्ष की बात नहीं सुनती है। बता दें लोकसभा में मंगलवार दोपहर 12 बजे से मणिपुर हिंसा पर केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत की गई। लेकिन अध्यक्ष ओम बिड़ला के आसन पर बैठते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। बीजेपी सांसदों ने विपक्ष को कठघेरे में खड़ा करते हुए कहा सुबह सेक्रेटरी जनरल के यहां चिट्ठी आई थी कि राहुल गांधी बोलेंगे। ऐसेमें उन्हें राहुल के भाषण का इंतजार था, लेकिन अब गोगोई बोल रहे हैं। आखिर पांच मिनट में ऐसा क्या हो गया। बता दें लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा सचिवालय में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को संबोधित करते हुए एक नोटिस दिया था। जिसे स्वीकार कर लिया गया। नोटिस में कहा था कि वो और उनके विपक्षी गठबंधन इंडिया के दूसरे सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं। जिसकी वो मंजूरी दे दें। इंडिया गठबंधन की ओर से सदन के नियम 198 के तहत मणिपुर मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिस पर लोकसभा में 8 अगस्त से चर्चा शुरु हो गई है।
पीएम मोदी 10 अगस्त को बयान
अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी 10 अगस्त को जवाब देंगे। इस चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह अविश्वास प्रस्ताव पर बयान देंगे। जो चर्चा के दौरान मणिपुर के हालात पर विस्तार से सरकार का पक्ष सदन में रखेंगे। इसके बाद 10 अगस्त को फिर से चर्चा की शुरूआत होगी। शाम करीब चार बजे पीएम नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे। पीएम के जवाब के बाद प्रस्ताव पर मतदान होगा।
बीजेपी की ओर से मिली इन लोगों जिम्मेदारी
बीजेपी की ओर से निशिकांत दुबे अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में चर्चा की शुरुआत कर रहे हैं। बीजेपी की तरफ से करीब 20 सांसदों को सदन में बोलने का मौका मिलेगा। इनमें केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ राजवर्धन सिंह राठौर का नाम खासतौर पर शामिल है।
अविश्वास प्रस्ताव का गिरना तय
विपक्ष की ओर से लाए गए इस अविश्वास का संसद प्रस्ताव का पास होना नामुमकिन है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पास बहुमत है। आंकड़े बताते हैं कि संसद के निचले सदन लोकसभा में मोदी सरकार बहुमत में है। बीजेपी के पास 301 सांसद हैं। वहीं एनडीए के पास 333 सांसद हैं। जबकि विपक्ष की बात करें तो उसके पास कुल 142 सांसद हैं। संख्याबल में कम होने के बाद भी अविश्वास प्रस्ताव लाने पर सवाल उठता है कि आखिर विपक्ष इसे संसद में क्यों लाया? दरअसल विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पीएम मोदी को मणिपुर मुद्दे पर बोलने के लिए मजबूर करना चाहता है। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल 16 पार्टियों के 21 सांसदों ने मणिपुर का दौरा कर वहां के हालात का जायजा लिया था। अपने दौरे में विपक्ष के दलों ने मणिपुर की वर्तमान स्थिति को लेकर जानकारी जुटाई है जिसे बहस के दौरान संसद में उठाया जा सकता है।