कांग्रेस पार्टी में इन दिनों नाराज चल रहे पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया की बीजेपी नेताओं के साथ जुगलबंदी न सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। एमपी के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल के साथ हाल ही में वे एक मंच पर नजर आए थे। अजय सिंह और राजेन्द्र शुक्ल दोनों ही विंघ्य की राजनीति से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में स्वर्गीय अर्जुन सिंह की जयंती के मौके पर आयोजित सम्मान समारोह के बहाने विंध्य के ये दो बड़े दिग्गज नेता एक मंच पर दिखाई दिये। इसके अब सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं।
- अजय सिंह और राजेन्द्र शुक्ल की मुलाकात
- अर्जुन सिंह की जयंती पर दोनों ने किया था मंच साझा
- दोनों माने जाते हैं विंध्य क्षेत्र के बड़े नेता
- कांग्रेस कार्यकारिणी को लेकर नाराज हैं अजय सिंह
पिछले दिनों कांग्रेस का भगवान ही मालिक है कहने वाले अजय सिंह का यूं अचानक बीजेपी के बड़े नेता और राज्य के डिप्टी सीएम के साथ मंच साझा करना किसी बढ़े सियासी घटनाक्रम की संभावना की ओर संकेत देता है। विंध्य के ये दो बड़े दिग्गज नेता भोपाल में पांच नवंबर को एक मंच पर दिखाई दिये थे।कार्यक्रम के दौरान विभिन्न परीक्षाओं ओर प्रतियोगी परीक्षाओं में चुने गए विंघ्य क्षेत्र के युवाओं का सम्मान किया गया था। इस समान समारोह को लेकर कुछ लोग सियासी मायने भी निकाल रहे हैं।
नए राजनीतिक समीकरण की आहट!
पिछले दिनों कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन के बाद पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का विरोध बढ़ गया है। विंध्य में कांग्रेस के बड़े नेता पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने जीतू की कार्यकारिणी को लेकर खुलकर विरोध जताया था। उन्होंने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर कई सवालिया निशान लगाते हुए इसे लेकर पार्टी हाईकमान के सामने अपनी बात रखने के संकेत दिए थे। बता दें अजय सिंह मण्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कई बार केंद्रीय मंत्री रहे स्वर्गीय अर्जुन सिंह के बेटे हैं। बता दें एक समय ऐसा भी था जब बीजेपी के वरिष्ठ और मौजूदा डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला कांग्रेस में अजय सिंह के साथ मिलकर काम भी कर चुके हैं। ऐसे में अगल अगल दल से ताल्लुक रखने वाले विंध्य के इन दो बड़े नेताओं का भोपाल में मिलना क्या नए राजनीतिक समीकरण को जन्म दे सकता है, यह भी एक बड़ा सवाल है।
कांग्रेस का भगवान ही मालिक कहकर फैला दी थी सनसनी
बता दें पिछले दिनों अजय सिह ने बयान दिया था कि अब कांग्रेस का केवल भगवान ही मालिक है। एमपी कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के गठन के बाद अजय सिंह ने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जिन नेताओं के चलते मध्यप्रदेश में कांग्रेस का बुरा हाल हुआ, पार्टी में आज भी उनकी चल रही हो तो फिर ऐसे में कोई क्या कर सकता है। अब कांग्रेस का तो भगवान ही मालिक है।
कभी अर्जुन सिंह ने बनाई थी तिवारी कांग्रेस
बता दें साल 1991 में अर्जुन सिंह ने सतना सीट से जीत दर्ज की थी। राजीव गांधी की हत्या के बाद अर्जुन सिंह ने अपनी विधानसभा सीट छोड़ दी थी। अर्जुन सिंह प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखते थे। जब पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने और उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया तब वे नाराज थे। ऐसे में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद अर्जुन सिंह ने सार्वजनिक रूप से उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का विरोध किया था। इसके साथ ही असंतोष व्यक्त करते हुए 1994 में केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद साल 1996 में अर्जुन सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करते हुए नारायण दत्त तिवारी के साथ मिलकर अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) की स्थापना की। हालांकि चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अर्जुन सिंह 1996 के चुनाव में सतना लोकसभा सीट से हार गए थे। बाद में सोनिया गांधी समय वे कांग्रेस में लौटे और 1998 में होशंगाबाद लोकसभा सीट चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी के सरताज सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
( प्रकाश कुमार पांडेय)