कांग्रेस पार्टी 28 दिसंबर को 140 पूरे कर लेगी। 140वें स्थापना दिवस से पहले कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। पार्टी सूत्र बताते हैं पार्टी अध्यक्ष मल्लिकाअजुर्न खरगे की ओर से राज्य इकाइयों में कई बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। पिछले दिनों हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस अपनी संगठनात्मक संरचना को एक बार फिर से मजबूत करने के लिए नए कदम उठाने की योजना पर मंथन कर रही है। इन बदलावों के तहत देश के कई राज्यों की इकाइयों को भंग कर नई नियुक्तियां की जा सकतीं हैं। जिससे पार्टी संगठन को आगामी चुनावों के लिए तैयारियों को और अधिक बेहतर बनाया जा सके।
- कांग्रेस करने वाली है संगठन में बड़ा बदलाव!
- भंग की जा सकती हैं यूपी की तरह सभी राज्यों में समितियां
- 28 दिसंबर से पहले कांग्रेस कर सकती है राज्य इकाइयों में बदलाव
- हरियाणा और महाराष्ट्र में हार के बाद कांग्रेस उठा सकती है कदम
- यूपी समेत अन्य राज्यों की इकाइयां होंगे भंग कर नई नियुक्तियां संभव है
पार्टी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस संगठन की ओर से अपने अलग-अलग राज्य इकाइयों में बड़े बदलाव किया जा सकता है। यह बदलाव 28 दिसंबर को पार्टी के स्थापना दिवस से पहले हो सकता है। खासकर हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से पार्टी की राज्य इकाइयों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। पार्टी की केंद्र और राज्य स्तर पर रणनीतियों को नया स्वरूप देने के लिए इस तरह के कदम उठाऐ जा सकते हैं।
महाराष्ट्र के साथ दूसरे राज्यों में बदलाव की तैयारी
पार्टी सूत्रों के अनुसार 28 दिसंबर से पहले उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कई दूसरे राज्यों की इकाइयों को भंग किया जा सकता है। यहां नए नेतृत्व की नियुक्ति की जा सकती है। संगठन में होने वाले इन बदलावों में महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों के प्रभारी, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और कई समितियों को भंग कर नई नियुक्तियों को किया जा सकता हैं। यह फैसला पार्टी की संगठनात्मक ताकत को और अधिक बढ़ाने के साथ आगामी चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर करने के लिए लिया जा सकता है।
28 को कांग्रेस पूरे कर लेगी 140 साल
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना को 140 साल पूरे होने जा रहे हैं। 28 दिसंबर को पार्टी का 140वां स्थापना दिवस है। देश की सबसे ओल्ड ग्रैंड राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है। बता दें साल 1885 में एओ ह्यूम, दादाभाई नौरोजी और दिनशा वाचा जैसे नेताओं के नेतृत्च में कांग्रेस की स्थापना की गई थी। कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। उस समय महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लभभाई पटेल जैसे दिग्गजों के नेतृत्व में भारत को स्वतंत्रता दिलाई थी। इस दौरान कांग्रेस ने देश के सामाजिक ही नहीं आर्थिक और राजनीतिक बदलाव में भी अपनी अहम भूमिका निभाई। हालांकि आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
(प्रकाश कुमार पांडेय)