चीतों को लेकर भारत नामीबिया में तकरार!

चीतों को लेकर भारत नामीबिया में तकरार!

चीतों को लेकर भारत नामीबिया में  तकरार!

मध्यप्रदेश के कूनो पालपुर वन्यजीव अभयारण्य में चीतों को बसाने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। यहां अफ्रीकी देशों से लाकर चीतो को बसाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1981 में कूनो पालपुर वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना हुई। जहां भारत में दशकों से गायब चीता प्रजाति को फिर से बसाया जाएगा। यहां चीतो को वापस लाने के लिए अफ्रीकी देश नामीबिया से 8 चीते मंगवाए जा रहे हैं। यहां से भारत भेजे जाने वाले सभी 8 चीतों को पकड़ कर क्वारंटीन कर दिया लेकिन इन चीतों में तीन ऐसे हैं जो कैप्टिव ब्रीड के नहीं है। ऐसे में भारत की ओर से इन तीन चीतों को लेने से इनकार कर दिया गया है। अपनी आपत्ति में भारत ने कहा है कि ये चीते अब शिकार नहीं कर सकते। इतना ही नहीं यह भी दावा किया जा रहा है कि ये चीते कैप्टिव ब्रीड के हैं। मतलब ये कैद में ही बड़े हुए हैं।

तीन चीतों को लेने से इनकार

ऐसे में भारत के इस दावे पर अब नामीबिया ने भी अपनी ओर से रिएक्शन देते हुए भारत के इस दावे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा वे भारत की ओर से रिजेक्ट चीतों की जगह दूसरे चीते पकड़कर नहीं दे सकते। नामीबिया सरकार के प्रवक्ता ने भारत के इस दावे को खारिज कर दिया। साथ ही कहा भारत की ओर से रिजेक्ट किए जा चुके चीते कैप्टिव ब्रीड के नहीं हैं। वहीं नामीबिया के पर्यावरण और वन मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि उनकी ओर से अब और चीते भारत के प्रोजेक्ट चीता के लिए नहीं दिए जाएंगे। प्रवक्ता का कहना है कि उनके देश में भी इन चीतों की संख्या सीमित है।  नामीबिया मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी भारत की ओर से चीतों को लेकर किए गए दावों को खारिज कर दिया है। प्रवक्ता ने कहा कि चीता ऐसा जानवर नहीं है। जिसे कैद में रखा जा सके। उन्होंने कहा कि जब चीते छोटे और शिकार करना सीख रहे होते हैं उन्हें उस समय बाड़े में रखा जाता है।

पहले चुना फिर किया रिजेक्ट !

इतना ही नहीं नामीबिया के पर्यावरण और वन मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा कि भारत की ओर से जिन तीन चीतों को रिजेक्ट कर दिया गया है। उनके बदले वे दूसरे चीतों को नहीं देंगे। कयोंकि तीन चीतों का रिजेक्शन दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत सरकार ने ही उन चीतों को पहले चुना था। इसके बाद अब रिजेक्ट किया जा रहा है। साथ ही  प्रवक्ता ने यह कहा कि भारत की ओर से चीतों को रिजेक्ट करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही यह भी कहा गया कि सरकार में होने के नाते उन्हें चीतों के चयन की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया था। चीतों का चयन भारत सरकार और एक एनजीओ चीता कंजर्वेशन फंड ऑफ नामीबिया ने किया था।

क्वारंटीन पूरा होने के बाद भारत रवाना होंगे चीते

भारत लाए जाने वाले सभी 8 चीतों को नामीबिया में क्वारंटीन किया गया है। क्वारंटीन की अवध्धि पूरी होने के बाद  इन चीतां को भारत के लिए रवाना किया जाएगा दिल्ली से ये चीते मध्य प्रदेश स्थित कूनो वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भेजे जाएंगे। इधर तीन चीतों को रिजेक्ट किया गया है उन्हें देखरेख के लिए नामीबिया के जंगलों में छोड़ा जाएगा।

नवंबर के पहले सप्ताह में पहुंचेंगे चीते

नामीबिया से लाए जा रहे चीतों के लिए काफी ज्यादा सावधानी बरती जा रही है। भारत सरकार के एक अधिकारी की माने तो चीतों को भारत लाने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं है। इधर मप्र के वन मंत्री विजय शाह ने भी इसे लेकर बयान दिया है। उनका कहना है कि भारत सरकार किसी भी तरह नवंबर के पहले सप्ताह तक ही चीतों को भारत लाने की कोशिश कर रही है।

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