यूपी के संगम नगरी प्रयागराज में अगले साल जनवरी 2025 में महाकुंभ होने जा रहा है। गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के त्रिवेणी के रुप मे विख्यात संगम तट पर जनवरी में विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक मेले का आयोजन होने जा रहा है।
- दिव्य और भव्य महाकुंभ 2025
- Maha Kumbh 2025 के दौरान बनेंगे कई रिकार्ड
- तीन दिन उमड़ेगा संगम नगरी में जन सैलाब
- तीन दिन 41 देशों से ज्यादा होगी श्रद्धालुओं की संख्या
- सीएम योगी ने दिए तैयारियों को लेकर सख्त निर्देश
- सीएम योगी के दूसरे कार्यकाल में भव्य होगा महाकुंभ
- पहले कार्यकाल में भी भव्य रहा था कुंभ का आयोजन
- इस बार सीएम योगी नहीं रहने देना चाहते कोई कमी
- तैयारियों को लेकर दिए अधिकारियों को सख्त निर्देश
दिव्य और भव्य महाकुंभ 2025- @Maha Kumbh 2025 की बात करें तो इस दौरान कई रिकार्ड भी बनेंगे। महाकुंभ में इस बार सबसे बड़ा रिकॉर्ड यह होगा कि जनवरी माह के तीन दिन के लिए संगम नगरी प्रयागराज की जनसंख्या विश्व के करीब 41 देशों से भी ज्यादा होगी।
@Maha Kumbh में जानें कब होगा कौन सा स्नान?
- पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को होगी
- मकर संक्रांति का शाही स्नान 14 जनवरी को होगा
- मौनी अमावस्या पर शाही स्नान 29 जनवरी को होगा
- बसंत पंचमी के मौक़े पर शाही स्नान 3 फरवरी को होगा
- 12 फरवरी को होगी माघी पूर्णिमा
- 26 फरवरी को भी महाशिवरात्रि के मौके पर होगा शाही स्नान
इस बार भी महाकुंभ को लेकर यूपी की योगी सरकार @CM Yogi Adityanath ने कमर कस ली है। 2025 का महाकुंभ पिछली बार 2019 के कुंभ से ज़्यादा बड़ा, ज़्यादा दिव्य और ज़्यादा भव्य होगा। इसके लिए यूपी की योगी सरकार ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
- 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा कुंभ मेला
- 25 सेक्टरों में बांटा जाएगा मेला क्षेत्र
- 12 किमी की लंबाई के होंगे घाट
- पार्किंग सुविधा 1850 हेक्टेयर में होगी
- लगाएं जायेंगे 450 किमी चकर्ड प्लेट
- नदी पार जाने आने के लिए खास इंतजाम
- नदी पर बनाए जा रहे हैं 30 पांटून पुल
- संगम नगरी में लगाई जाएंगी 67 हजार स्ट्रीट लाइट
- मेला क्षेत्र में रखा जाएगा स्वक्ष्छता का विशेष ध्यान
- बनाए जा रहे हैं 1,50,000 शौचालय
- श्रद्धालुओं के लिए लगाये जाएंगे 1,50,000 टेंट
दरअसल तीन दिन मुख्य शाही स्नान पर्व मौनी अमावस्या 29 जनवरी के साथ उसके पहले और बाद के होंगे। तीन दिन के दरमियान प्रयागराज में लगभग साढ़े 6 करोड़ श्रद्धालुओं का मजमा लगेगा। संगम नगरी में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के एकत्रित होने की उम्मीद लगाई गई है। इतना ही नहीं दिल्ली और मुंबई के साथ कोलकाता और चेन्नई समेत विश्व के जितने भी बड़े शहर हैं, उन सबसे अधिक आबादी संगम नगरी प्रयागराज की होगी।
महाकुंभ क्षेत्र में 13 अखाड़ों का भी आगमन शुरू हो गया है। पिछले दिनों जूना अखाड़े ने संगम नगरी में प्रवेश किया था। इस बार के महाकुंभ से साधु संतों को भी बड़ी उम्मीदें हैं। महाकुंभ 2025 में विकास केवल संगम तट के किनारे ही नहीं बल्कि पूरे प्रयागराज में नजर आए रहा है। प्रयागराज का रेलवे स्टेशन ही नहीं बस स्टैंड और सड़कों के साथ चौराहे, बिजली के पोल, होटल से लेकर हर उस चीज़ को ठीक किया जा रहा है जिससे महाकुंभ 2025 में आने वाले तीर्थ यात्रियों को असुविधा न हो। बता दें 2019 में प्रयागराज में अर्ध कुंभ का आयोजन हुआ था। जिसका नाम सरकार ने बदलकर कुंभ कर दिया था। इस बार 12 साल में एक बार लगने वाले महाकुंभ का आयोजन होगा।
बता दें विश्व के आठ छोटे देशों में कुल जितनी आबादी है, उससे कहीं अधिक आबादी के रुप में महाकुंभ में पुलिस और सुरक्षा बल के सिपाही फोर्स के रुप में तैनात होंगे। मेला परिसर में लगभग सवा लाख जवान हमेशा तैनात रहेंगे। जबकि विश्व के 12 देश ऐसे हैं जिनकी कुल आबादी ही 7 लाख के आसपास है। ऐसे में इन देशों से ज्यादा 12 लाख कल्पवासी प्रयागराज महाकुंभ में जप-तप करेंगे। लगभग सवा 6 करोड़ की आबादी प्रयागराज में तीन दिन के लिए जमा होगी जो दुनिया के 41 देशों की आगादी के बराबर है।
(प्रकाश कुमार पांडेय)