CM one to one with MLA:मध्य प्रदेश में साल 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारुढ़ बीजेपी ने तैयारी तेज कर दी है। बीजेपी ने प्रदेश में 50 से ज्यादा विधायकों के टिकट कट सकते हैं। पार्टी और सीएम की ओर से कराए गए सर्वे में कई विधायकों की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। चर्चा है कि विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज कैबिनेट में फेरबदल भी हो सकता है। जिसमें कई मंत्रियों का पत्ता कट सकता है। बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए करीब एक साल का समय अभी भी शेष है। इसके बाद सत्ता वापसी के लिए बीजेपी ने अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी विधायकों से वन टू वन चर्चा की और बताया कहां पार्टी ओर विधायक कमजोर हैं।
- सीएम शिवराज ने की चुनावी तैयारी
- बीजेपी विधायकों से की वन टू वन
- विधायकों के सामने रखी सर्वे रिपोर्ट
- खतरे में 50 से अधिक विधायकों के टिकट
- कैबिनेट में भी कर सकते हैं सीएम बदलाव
- कुछ मंत्रियों का कट सकता है पत्ता
विधायकों को दिया छह माह का वक्त
दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने विधायकों की सीट को टटोलना शुरू कर दिया है। बता दें शीतकालीन सत्र के समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने विधायक दल की बैठक बुलाई और उसके बाद से ही विधायकों के साथ वन टू वन चर्चा की। पहले दिन उन्होंने जबलपुर, नर्मदापुरम और भोपाल संभाग के विधायकों से बात करते हुए विधानसभा क्षेत्र की सच्चाई से उन्हें रुबरु कराया। सीएम ने हर विधायक के लिए कम से कम 10 मिनट का समय रखा था। शुक्रवार का दिन भी उन्होंने आरक्षित रखा और इस दिन मालवा निमाड़ यानी उज्जैन और इंदौर संभाग के विधायकों से चर्चा की। सीएम ने जो सर्वे पार्टी विधायकों का कराया है उसके आधार पर वे रिपोर्ट उनके सामने रख रहे हैं। विधायकों को छह माह का वक्त दिया जा रहा है। जिसस विधानसभा क्षेत्र में जो भी गांव और कस्बों में लोग पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं। वहां स्थिति सुधारी जाए। इसके बाद भी विरोध कम नहीं हुआ तो टिकट कटना तय है। बता दें बीजेपी के 50 से अधिक मौजूदा विधायकों की स्थिति वर्तमान में निगेटिव है। इनके टिकट कटना लगभग तय हैं।
कुछ माह बाद फिर करेंगे सीएम विधायकों से बात
मुख्यमंत्री ने वन-टू-वन के दौरान विधायकों को यह भी स्पष्ट कर दिया कि कुछ माह बाद फिर बात होगी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट के सदस्यों से भी सर्वे पर जल्द बात कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने जबलपुर, बालाघाट, नरसिंहपुर, बैतूल, होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा और सीहोर के विधायकों से बात की। इनमें प्रमुख रूप से अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, नंदनी मरावी, देव सिंह सैय्याम, राकेश पाल, रामकिशोर कांवरे आदि शामिल हैं।
विकास यात्रा की तैयारी करने के निर्देश
वहीं विधायक दल की बैठक में भी सीएम ने पार्टी विधायकों को 1 फरवरी से विकास यात्रा की तैयारी करने के निर्देश दिए। बता दें अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के साथ इसकी तैयारी होगी। जनवरी में शासन के जितने भी काम, कार्यक्रम और हितग्राही मूलक आयोजन हैं। उसमें विधायक शामिल होंगे। सीएम ने कहा कि विकास यात्रा के बाद वह फोल्डर देखा जाएगा। जिसमें विधायक की तमाम गतिविधियां होंगी।
विधायकों काे दिए टिप्स
सीट का कौन सा एरिया नुकसान दे सकता है बताया। साथ ही सांसद और उनके समर्थकों साथ समन्वय बनाने और नाराज कार्यकर्ताओं को साधने के निर्देश दिए। साथ ही बताया कि कौन सा समाज उनके खिलाफ है। ओबीसी, ठाकुर, ब्राह्मण और आदिवासी को कहां-कहां जोड़ना है। किस सीट पर कांग्रेस की गुटबाजी का लाभ मिलेगा। किस जगह कौन सा निर्माण कार्य वोटों का लाभ देगा।