केजरीवाल के एक और मंत्री के ठिकानों पर पहुंची ED, सवालों के घेरे में ED की कार्रवाई

CM Delhi Government Arvind Kejriwal Minister Rajkumar Anand ED action international hawala transactions

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के लिए लगता है यह समय ठीक नहीं चल रहा है। गुरुवार 2 नवंबर को सीएम अरविंद केजरीवाल से दिल्ली शराब नीति घोटाले में पूछताछ से पहले ईडी ने उनकी सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद के ठिकानों पर दबिश दे दी। उनके सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर छापामार कार्रवाई की। मंत्री के 9 ठिकानों पर ED एकसाथ छापेमारी की है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार के मंत्री के घर और ठिकानों पर छापेमारी की है। यह है दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद। जिनके घर ED की टीम पहुंची। मंत्री के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर ED की सर्च ऑपरेशन शुरु किया। सूत्रों की माने तो मंत्री राजकुमार के 12 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि मंत्री राजकुमार आनंद के खिलाफ कस्टम से जुड़े मामले में हवाला के जरिए पैसा विदेश भेजने का आरोप है। ऐसे में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद पर पीएमएलए के तहत ईडी कार्रवाई की। उन पर 7 करोड़ से अधिक की सीमा शुल्क चोरी और अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन के लिए आयात में झूठी घोषणाओं का आरोप लगा था। ऐसे में न्यायालय ने शिकायत का संज्ञान लिया। दिल्ली समेत विभिन्न स्थानों पर करीब दर्जन भर परिसरों की तलाशी ली जा रही है।

कौन हैं मंत्री राजकुमार आनंद

मंत्री राजकुमार आनंद ने साल 2020 में पहली बार दिल्ली की पटेल नगर विधानसभा सीट से विधायक बने थे। इससे पहले वीना आनंद इस विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं, जो राजकुमार आनंद की पत्नी हैं। बता दें 2020 में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के स्थान पर केजरीवाल ने अपने विधायक राजकुमार आनंद को कैबिनेट में शामिल किया गया था। बता दें राजेन्द्र पाल गौतम ने बौद्ध सम्मेलन के एक कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की थी। राजेंद्र पाल गौतम की मौजूदगी में की गई टिप्पणी के बाद काफी बवाल हुआ था। आखिरकार राजेंद्र गौतम को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था।

बगैर वारट घुस रही ED!

वहीं मंत्री राजकुमार आनंद के ठीकानों पर ईडी की छापेमारी पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि अंग्रेजों के जमाने में भी जो पुलिस होती थी। उसे भी कोर्ट से सर्च वारंट चाहिए होता था। अंग्रेज तक ये मानते थे कि किसी के घर में सर्च करने के लिए वारंट होना चाहिए। अंग्रेज जानते थे कि पुलिस को किसी के भी घर में घुसकर छापा मारने की शक्ति मिल जाएगी अफरातफरी मच जाएगी। लेकिन आज ईडी को इस तरह के किसी वारंट की जरूरत नहीं है। ईडी के अधिकारी ही स्वयं तय करते हैं कि उन्हें या टीम को किसके घर का दरवाजा खटखटाना है। भारद्वाज ने सवाल करते हुए कहा क्या ये महज एक इत्तेफाक है कि देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सरकार है। ईडी और सीबीआई इन राज्यों में छापेमारी क्यों नहीं करती।

BJP शासित राज्यों में ED-CBI खामोश क्यों ?

ED -CBI  अगर स्वतंत्र जांच एजेंसी है तो भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों के यहां क्यों नहीं जाती? उनका कहना है कि दरअलस 2024 के चुनाव से पहले यह तय कर लिया गया है जितनी भी मुखर आवाज हैं। उन लोगों को जेल में डाला जाए। इसी सूरत में भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव जीत सकती है। वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं ने गुरुवार 2 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय के सामने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पेशी को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले। कार्यकर्ता खामोश हैं। ईडी के बंगले पर कार्यकर्ताओं ने तब हंगामा किया था जब पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से इसी तरह के मामले में सीबीआई पूछताछ के लिए ले गई थी। मनीष सिसोदिया को एजेंसी ने फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया था। हाल ही में मनीष की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। आम आदमी पार्टी की ओर से यह भी आशंका जताई जा रही है साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र की मौजूदा बीजेपी सरकार इंडिया गठबंधन को निशाना बना रही है। इसी कथित साजिश में सीएम केजरीवाल पहला निशाना हो सकते हैं। आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा साल 2014 के बाद से केंद्रीय जांच एजेंसियों की ओर से दर्ज किए गए करीब 95% मामले विपक्ष के नेताओं के खिलाफ हैं। राघव चड्ढा ने यह भी दावा किया है कि भाजपा इंडिया गंठबंधन के गठन से घबराई हुई है। उसने शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने की योजना तैयार बनाई है। जिसमें केजरीवाल का नाम सबसे उपर है।

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