राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। वे राज्य विधानसभा में शिक्षा विभाग की बजट अनुदान मांगों पर बोल रहे थे। राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना हैं। ऐसे में विपक्ष शिक्षा के मुद्दे पर सरकार को कठघेरे में खड़ा कर सकता है। बता दें दूदू विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर सीएम के सलाहकार हैं। उन्होंने स्कूल और महाविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर सरकार को कठघेरे में खड़ा किया है। वहीं शिक्षा मंत्री डॉ.बीडी कल्ला ने सदन में आश्वासन दिया कि जल्द ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। राज्य में करीब 90 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाना है।
शिक्षा विभाग की बजट अनुदान मांग पर बहस
दरअसल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को देर शाम तक बजट अनुदान मांगों पर चर्चा चलती रही। जिसमें विधायक बाबूलाल नागर ने शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान अपनी बात रखी और सदन में कहा कि उनके क्षेत्र में स्कूल ही नहीं महाविद्यालयों में भी पढ़ाने के लिए शिक्षक प्राध्यापक पदस्थ नहीं हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में स्थित महाविद्यालयों में प्राध्यापक के पद रिक्त पड़े हैं। इतना ही नहीं विधायक नागर ने कहा एक ओर महाविद्यालयों में कोई पढ़ाने वाला नहीं है और दूसरी तरफ जो पढ़ाने वाले शिक्षक थे उन्हें प्रतिनियुक्ति पर निदेशालय संचालनालय में पदस्थ कर दिया गया है। शिक्षकों को जब निदेशालय संचालनालय में ही रखना है तो उनके क्षेत्र के महाविद्यालयों को बंद कर दिया जाए। वहीं नागर ने यह भी कहा कि इस निदेशालय में क्या होता है ये उनकी समझ से बाहर है। विधायक ने कहा उनके क्षेत्र के महाविद्यालयों में शिक्षक नहीं है। हाथ जोड़कर किसी तरह शिक्षक पदस्थ कराए थे उन्हें भी निदेशालय में लगा दिया। ऐसे में यहां महाविद्यालय खोलने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। इसे बंद कर देना चाहिए।
अत्याचार नहीं होगा बर्दाश्त नहीं
सीएम के सलाहकार विधायक नागर ने कहा वे उनके विधानसभा क्षेत्र में गरीब जनता के साथ हो रहे अत्याचार को सहन नहीं करेंगे। वे सरकार ही नहीं शिक्षा विभाग को भी चेतावनी दे रहे हैं कि इस तरह के कारनामों को बंद कर दें। प्रतिनियुक्ति निरस्त कर उनके क्षेत्र के महाविद्यालय में शिक्षक की पदस्थापना की जाए।
जल्द भरे जाएंगे 90 हजार रिक्त पद
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हुए सरकार हर मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। सदन में अपने विभाग की अनुदान मांगों के दौरान विधायकों की नाराजगी को देखते हुए शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि उनका विभाग जल्द ही सभी रिक्त पदों पर भर्ती करने जा रहा है। अलग अलग कैटेगरी में शिक्षकों के करीब 90 हजार पदों पर भर्ती की जा रही है। कल्ला ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री ने भी एक लाख पदों पर भर्ती का ऐलान किया है।