मुख्यमंत्री डॉ.यादव आज छोड़ेंगे गांधी सागर अभयारण्य में दो चीते…जानें क्या है गांधी सागर सेंचुरी की खासियत?

Chief Minister Yadav will release two leopards in Gandhi Sagar Sanctuary today What is the specialty of Gandhi Sagar Sanctuary

मुख्यमंत्री डॉ.यादव आज छोड़ेंगे गांधी सागर अभयारण्य में दो चीते…जानें क्या है गांधी सागर सेंचुरी की खासियत?

एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज रविवार 20 अप्रैल को मंदसौर जिले के गाँधी सागर अभयारण्य में दो चीतों को छोड़ने वाले हैं। “चीता प्रोजेक्ट” मध्यप्रदेश का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। जिसका उद्देश्य भारत में चीतों को फिर से बसाकर उनकी संख्या बढ़ाना है और चीतों की प्रजाति को बचाना है। इस प्रोजेक्ट के तहत मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के साथ अब मंदसौर के गाँधी सागर अभयारण्य में भी चीतों का आशियाना बनाया जा रहा है।

गाँधी सागर अभयारण्य मध्यप्रदेश का दूसरा ऐसा स्थान है जहां अब चीतों को बसाया जा रहा है। यह वन्य-जीव संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम सिद्ध होगा। साथ ही वन्य-जीव संरक्षण प्रेमियों और देशी-विदेशी सैलानियों के लिये भी यह उत्साह का अवसर होगा। मण्यप्रदेश में इस प्रोजेक्ट के तहत चीतों की संख्या बढ़ाने के लक्ष्य के तहत दक्षिण अफ्रीका ही नहीं केन्या और बोत्सवाना से भी चीतों को यहां लाकर मध्यप्रदेश के जंगलों में बसाया जा रहा है। फिलहाल श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में 26 चीते हैं। जबकि बोत्सवाना से अभी 8 चीते लाने की योजना है। जिन्हें मई-2025 तक पहले चरण में 4 चीते लाये जायेंगे। इसके बाद अगले चरण में 4 चीते और लाये जायेंगे।

क्या है गांधी सागर सेंचुरी की खासियत?

एमपी की गांधी सागर सेंचुरी को 1984 में केन्द्र सरकार की ओर से अधिसूचित किया गया था। यह चंबल नदी के किनारे पर स्थित है। इसका एक बड़ा भू—भाग विश्व प्रसिद्ध गांधी सागर डेल के आसपास फैला है। इस पूरे इलाके में घने जंगल हो हैं ही साथ घाटियां और पहाड़ भी हैं। यह किसी भी प्रकृति प्रेमी को अपनी ओर खींचने के लिए पर्याप्त हैं। इस सेंचुरी में चीतल के साथ चिंकारा, नीलगाय, सांभर ही नहीं तेंदुआ और सियार जैसे शिकारी जानवर भी देखने को मिल जाते हैं। इस तिरिक्त यहां पर बोटिंग के साथ मछली पकड़ना और पिकनिक का भी लुत्फ उठाया जा सकता है।

जानें आखिर क्या है चीता प्रोजेक्ट?

एमपी में 17 सितंबर 2022 को चीता प्रोजेक्ट का आगाज किया गया। इस दौरान नामीबिया से यहां एमपी में 8 चीते लाए गए थे। जिनमें पांच मादा थीं और तीन नर थे। जिन्हें पीएम नरेन्द्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। इसके बाद एक बार फिर से साउथ अफ्रीका से करीब 13 चीते फरवरी 2023 में एमपी लाए गए थे। इसके बाद अब एमपी के दूसरे हिस्से गांधी सागर में प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए ही और दूसरे अफ्रिकी देशों से चीते भारत आने थे, लेकिन इस काम में देरी होने के चलते कूनो से दो चीतों को गांधी सागर सेंचुरी में लाया गया है।

Exit mobile version