मंत्री भूपेन्द्र सिंह के ‘दस साल बेमिसाल’! कांग्रेस की शिकायत पर लोकायुक्त ने शुरु की जांच

minister bhupendra singh

मध्यप्रदेश बीजेपी में पिछले दिनों सागर अंचल के तीन मंत्रियों के बीच आपसी गुटबाजी और आपसी तकरार सामने आई थी। जिसे पार्टी संगठन ने गंभीरता से लेते हुए सागर अंचल के मंत्री गोपाल भार्गव, गोविंद राजपूत और भूपेन्द्र सिंह से चर्चा की थी। अब एक बार फिर भूपेन्द्रसिंह को लेकर सागर अंचल चर्चा में है। दरअसल सीएम शिवराज सिंह चौहान के सबसे करीबी माने जाने वाले मंत्री भूपेंद्र सिंह की खिलाफ लोकायुक्त संगठन ने आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच शुरू कर दी है। जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।

कांग्रेस की शिकायत पर लोकायुक्त में मामला दर्ज

नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके परिवार पर कांग्रेस आरोप लगा रही है कि उन्होंने साल 2008 से 2018 के बीच बेहिसाब संपत्ति एकत्रित की । कांग्रेस का यह भी अरोप है कि मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग कर बेहिसाब संपत्ति अर्जित की है। इसे लेकर कांग्रेस ने 11 मई 2023 को लोकायुक्त संगठन में शिकायत की थी। हालांकि मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के आरोपों को तथ्यहीन बताया है। भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि वे इस मामले में मानहानि का केस करने वाले हैं। लेकिन इस बीच कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर लोकायुक्त संगठन ने पंजी क्रमांक 572/सी/2023-24, जांच क्रमांक 0035/ई/ 2023-24 दिनांक 30 मई 2023 में 8 अगस्त 2023 तक जांच रिपोर्ट मांगी है।

दस साल में 46 करोड़ की अकूत संपत्ति

दरअसल कांग्रेस नेताओं ने पिछले माह 30 मई को चुनाव आयोग के सामने प्रस्तुत शपथ पत्र और एडीआर रिपोर्ट के साथ खसरा अभिलेखों के आधार पर अनुपातहीन संपत्ति होने के आरोप भूपेंद्र सिंह पर पत्रकारवार्ता में लगाए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि मंत्री भूपेन्द्र सिंह और उनके परिवारजनों ने 2008 से 2018 के बीच करीब 46 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति अर्जित की है। साथ ही ये भी कहा कि आश्चर्यजनक रूप से साल 2018 और 2019 में करीब 7 करोड़ रुपये की वार्षिक आय होने संबंधी आयकर रिटर्न पेश किया जाना भी अर्जित अनुपातहीन और आय से अधिक संपत्ति को दर्शाता है।

प्रेस कांफ्रेन्स में लगाए थे कांग्रेसियों ने आरोप

बता दें मध्य प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया के साथ कांग्रेस आरटीआई प्रकोष्ठ अध्यक्ष पुनीत टंडन ने 30 मई को पार्टी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप लगाए थे कि साल 2008 से 2018 के बीच बेहिसाब संपत्ति एकत्रित की गई थी। कांग्रेस नेताओं की ओर से आरोप लगाया था कि साल 2018 के बाद भी मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके परिवार के साथ नाते रिश्तेदारों ने आय से अधिक संपत्ति जमा की है। कांग्रेस ने साल 2008 के विधानसभा चुनाव इसके बाद 2009 में हुए लोकसभा चुनाव 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह की ओर से चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्रों की जानकारी दी थी। इसके अलावा कांग्रेस ने साल 2013 और 2020 में प्रकाशित एडीआर रिपोर्ट्स का भी हवाला देते हुए आरोप लगाए थे।

मंत्री ने दी मानहानी का केस करने की धमकी

हांलांकि इस मामले पर मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है उनकी चल-अचल संपत्ति पैतृक ही नहीं पूरी तरह से घोषित है। अघोषित कुछ भी नहीं। ऐसे में कांग्रेस की ओर से जो तथ्यहीन आरोप लगाए गए हैं। पैतृक जमीन पर बैंकों से लोन लेकर संपत्ति बनाई है, जिसे लेकर कांग्रेस भ्रमित कर रही है। वे कांग्रेसियों के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराएंगे।

Exit mobile version