लोकसभा चुनाव की मतगणना 4 जून को सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। पहले ईवीएम से ही मतगणना का श्री गणेश होगा। लेकिन इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। मतगणना के दौरान और इसके बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा का इनपुट केंद्रीय गृह मंत्रालय को मिला है। ऐसे में चुनावी हिंसा से निपटने के लिए वहां करीब 400 केंद्रीय सशस्त्र बल यानी सीएपीएफ की कंपनियों को तैनात किया गया है। इन कंपनियों के करीब 40 हजार से अधिक सुरक्षा जवान 19 जून तक पश्चिम बंगाल में ही तैनात रहेंगे। हालांकि केन्द्र के इस फैसले पर टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आश्चर्य जताया है।
- चुनाव के बाद की हिंसा से निपटने की तैयारी
- 19 जून तक पश्चिम बंगाल में रहेंगी सीएपीएफ की 400 कंपनियां
- पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की आशंका
- राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्रालय का बड़ा कदम
- केंद्र ने धीरे-धीरे राज्य में तैनात की सीएपीएफ की 900 से अधिक कंपनियां
- चुनाव आयोग के अनुरोध के बाद पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ की तैनाती
बता दें पश्चिम बंगाल के संदेश खाली में वोटिंग के दौरान एक बार फिर जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी। यहां स्थानीय लोग और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। 1 जून को सातवें चरण की वोटिंग के दौरान हुई हिंसा में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और जबरदस्ती उसे पुलिस स्टेशन से छुड़ाकर ले गए गए थे।
राज्यपाल ने तलब की ममता बनर्जी से संदेशखाली की रिपोर्ट
वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ.सीवी आनंद बोस ने संदेश खाली में चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर चिंता जताई है। राज्यपाल ने सीएम ममता बनर्जी से तुरंत हस्तक्षेप करने और संदेशखाली में शांति बहाल करने को लेकर कहा है। इसके साथ ही राज्यपाल ने ममता बनर्जी से संदेशखाली में चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर तत्काल रिपोर्ट पर पेश करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में एक चिट्ठी भी सीएम ममता बनर्जी को लिखी है। राज्यपाल ने कहा है अगर इसी तरह के हमले जारी रहे और लोगों पर अत्याचार जारी रहा तो वह राजभवन के दरवाजे उनके आने और रहने के लिए खोल देंगे। संदेशखाली की पीड़ित जनता को राजभवन में सुरक्षित आश्रय दिया जाएगा।
अब तक पश्चिम बंगाल में 900 से अधिक कंपनियों को किया तैनात
बताया जाता है कि केंद्रीय सशस्त्र बल की 400 कंपनियों की मौजूदगी का उद्देश्य दरअसल क्षेत्र में शांति कायम करना है। लोगों के बीच विश्वास पैदा करना और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की इन कंपनियों के पश्चिम बंगाल में तैनात किए जाने के बाद माहौल शांति व्यवस्था बहाल होने की उम्मीद जताई जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से धीरे-धीरे राज्य के अलग-अलग हिस्सों में केन्द्रीय सशस्त्र बल की करीब 900 से अधिक कंपनियों को अब तक तैनात किया गया है। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष शांतिपूर्ण और स्वतंत्र चुनाव कराने के उद्देश्य से चुनाव आयोग के अनुरोध पर पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की थी। यह सिलसिला 19 अप्रैल से शुरू हुआ था और सात चरणों में मतदान होने के बाद भी वहां हालात नहीं सुधरे। ऐसे में इन कंपनियों को आगे भी पश्चिम बंगाल में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। 19 जून तक केंद्रीय सुरक्षा बल किए कंपनियां पश्चिम बंगाल में ही तैनात रहेंगी।