घर चलाने के लिए की कभी मिल में नौकरी, तो भजिए भी बेचे… संघर्ष में बीता पूनमचंद यादव का जीवन…मुख्यमंत्री ने जब मांगे थे पिता से मांगे पैसे तो …

Chief Minister Dr Mohan Yadav Father Poonam Chand Yadav Ujjain Madhya Pradesh Struggle Life Father Day

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का मंगलवार देर शाम निधन हो गया। आज बुधवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम यात्रा में पक्ष और विपक्ष के कई नेता भी शामिल होंगे।  सीएम डॉ.मोहन यादव के पिता के देहांत की खबर के बाद से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

यह वीडियो फादर्स डे का बताया जा रहा है जब मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव अपने पिता से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने उज्जैन पहुंचे थे। इस दौरान पिता—पुत्र दोनों के बीच हंसी मजाक भी हुई। जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पिता पूनमचंद यादव से किराये के लिए पैसे मांगे तो उनके पिता ने जेब से निकालकर नोट की गड्डी उनको थमा दी थी। हालांकि जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह पैसे लेने से इनकार कर दिया तो उनके पिता उन्हें पैसे लेने को कहते वीडियो में दिखाई देते हैं।

इतना ही नहीं इस वायरल वीडियो में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने पिता को अपने हाथों से नई जैकेट भी पहनाते हुए नजर आ रहे हैं। जैकेट पहनाने के बाद जब मुख्यमंत्री जैकेट का बिल निकालकर यह भी सुनाई दे रहे हैं कि 15 हजार रूपये की है। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने अपने पिता के पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी लिया।

तेजी से वायरल हो गया पिता-पुत्र वीडियो

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता के निधन की सूचना मिलते ही। पिता—पुत्र के बीच हुए संवाद का यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें पिछले दिनों फादर्स डे पर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव विशेष रुप से अपने पिता से मिलने उज्जैन पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने फादर्स डे उज्जैन में ही अपने पिता के साथ मनाया था।

संघर्ष में बीता पूनमचंद यादव का जीवन

बता दें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव मूल रूप से रतलाम के निवासी हैं। उनका जीवन खासा संघर्षमय रहा था। वे काम की तलाश में रतलाम से उज्जैन आ गये थे। यहां उज्जैन आने के बाद वे यहीं पर बस गए। इसके बाद परिवार चलाने के लिए उन्होंने पहले उज्जैन की हीरा मिल में नौकरी की। इसके बाद पूनमचंद यादव ने उज्जैन स्थित मालीपुरा में ही भजिये की दुकान भी खोली थी। इसके अलावा फ्रीगंज इलाके में उन्होंने दाल बाफले का रेस्टोरेंट भी खोला था। उनकी यह दुकान आज भी फ्रींगंज इलाके में मौजूद है। बता दें पूनमचंद यादव के तीन बेटे और दो बेटियां हैं।

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