मोर संगवारी योजना के विस्तार को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई। छत्तीसगढ़ के ङिप्टी CM अरुण साव ने राज्य की चार नवगठित नगर पालिकाओं मंदिर हसौद, बांकी मोंगरा, लोरमी और पंडरिया में मोर संगवारी योजना का विस्तार किया है। इस योजना के तहत विभिन्न विभागों की 27 प्रकार की शासकीय सेवाएं जैसे आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड अन्य सेवाओं के लिए टोल-फ्री नंबर जारी किया है। यह सेवाएं सभी दिन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक संचालित की जा रही हैं।
- मोर संगवारी” योजना के विस्तार पर सियासत
- कांग्रेस भी लाई थी 2021 में मितान योजना
- मितान योजना का भी यही था लक्ष्य
- आम जनता को भटकना न पड़े
- सत्ता बदली, योजना पर लगा ब्रेक
- योजना का नाम बदलने पर आरोप–प्रत्यारोप
- डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा
- योजना से आम लोगों को सुविधा होगी
- पूर्व मंत्री शिव डहरिया का सरकार पर तंज
- कहा- यह योजना हम पहले ही लेकर आ चुके
- अब केवल उसका नाम बदल गया
योजना को लेकर छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव का कहना है कि ’’मोर संगवारी’’ अपांइटमेंट मोबाइल एप भी लॉन्च किया गया। ’’मोर संगवारी’’ सेवा के तहत राज्य के लोगों के लिए चैट बोट की सुविधा वाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। अब लोगों को अपने कामों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अब उनके घर पर ही सभी दस्तावेज बन जाएंगे। इससे आम लोगों को काफी सुविधा होगी।
मोर संगवारी….मोर सियासत
- ‘मोर संगवारी” योजना का विस्तार’
- ‘सेवाओं के लिए टोल-फ्री नंबर जारी’
- ‘एक ही जगह मिलेगी 27 तरह की सेवा और सुविधा’
- कांग्रेस का आरोप योजना बदला का नाम
- पूर्व मंत्री डहरिया का बयान
- ‘यह योजना हम पहले ही लेकर आए थे’
- ‘अब केवल उसका नाम बदल गया है’
- ‘कांग्रेस भी 2021 में मितान योजना लाई थी‘
- ‘मितान योजना का लक्ष्य भी यही था’
मितान योजना का लक्ष्य भी यही था
लेकिन कांग्रेस का दावा है कि ऐसी ही योजना छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार में 2021 में मुख्यमंत्री मितान योजना लेकर आए थे। इस योजना का भी ठीक यही लक्ष्य था। आम लोगों को बार-बार सरकारी दस्तावेज के लिए भटकना न पड़े।
कांग्रेस का कहना है जब 2023 में सत्ता बदली और बीजेपी की सरकार आई तो इस योजना पर रोक लग गई। आंकड़ों के मुताबिक भूपेश बघेल की सरकार में 25 लाख से ज्यादा प्रमाण पत्र बनवा दिए गए थे लेकिन अब बीजेपी सरकार बनने के बाद 1000 प्रमाण पत्र भी नहीं बने हैं। इस पर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया ने कहा है कि यह योजना हम पहले ही लेकर आ चुके थे और अब केवल उसका नाम बदल गया है।