छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार राममय नजर आ रही है। राज्य के सीएम भूपेश बघेल राम राम जप रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल ने रायगढ़ में रामायण महोत्सव की शुरुआत करते हुए कहा है कि भगवान श्री राम ने अपने वनवास काल के दौरान दस साल छत्तीसगढ़ में गुजारे थे। दरअसल कहते हैं कण कण में राम हैं तो फिर राम सिर्फ बीजेपी के ही क्यों हो। राम तो कांग्रेस के भी हैं। कुछ इसी फार्मूले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी चल रहे हैं। राम वनगमन पथ हो या फिर या गोधन योजना सरकार ने इन पर भरपूर तव्वजों दी है। अब राज्य सरकार रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन कर रही है। शुक्रवार को महोत्सव का दूसरा दिन है। स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसमें शामिल होकर कलाकारों का उत्साह बढ़ाते नजर आए। हालांकि, बीजेपी इस आयोजन पर तंज कस कर इसे चुनावी बता रही है।
- नवंबर दिसंबर में होना है विधानसभा चुनाव
- चुनाव से पहले राम की भक्ति में डूबे भूपेश बघेल
- कहा—श्री राम ने वनवास के 10 साल छत्तीसगढ़ में गुजारे
- ‘राम के चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी अंश शामिल’
- ‘छत्तीसगढ़ के कण-कण में राम हैं’
- ‘छत्तीसगढ़ के जन-जन में राम हैं’
- ‘छत्तीसगढ़ की दिनचर्या में राम हैं’
- ‘छत्तीसगढ़ के मेल-मिलाप में राम हैं’
- ‘छत्तीसगढ़ के सुख-दुःख में राम हैं’
सीएम बघेल ने कहा भगवान श्री राम ने वनवास काल में कितनी ही कठिनाई झेली लेकिन अपनी मर्यादा नहीं खोई। भगवान राम जब वन गए तो मर्यादा पुरूषोत्तम बन गए। उनके इस चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी अंश शामिल है। बीजेपी पर तंज कसते हुए सीएम ने कहा बीजेपी खुद को अब असुरक्षित महसूस करने लगी है। छत्तीसगढ़ से राम का नाता रहा है। हम सुख और दुख हर वक्त उनका स्मरण करते रहते हैं, लेकिन बीजेपी केवल चुनाव के समय और वोट के लिए श्रीराम को याद करती है।
तीन दिन चलेगा राष्ट्रीय रामायण महोत्सव
बता दें रायगढ़ में ऐतिहासिक रामलीला मैदान में तीन दिनों तक ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ चलेगा। मीडिया से चर्चा के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने रामायण महोत्सव को राममय छत्तीसगढ़ बताया साथ ही बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा बीजेपी खुद को अब असुरक्षित महसूस करने लगी है। सीएम ने कहा कि राम का छत्तीसगढ़ से बहुत गहरा नाता है। सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा श्रीराम आदि और अंत दोनों हैं। छत्तीसगढ़ से उनका नाता रहा है। हम सुख और दुख हर वक्त उनका स्मरण करते रहते हैं, लेकिन बीजेपी केवल चुनाव के समय और वोट के लिए श्रीराम को याद करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पहले देश में महात्मा गांधी हुए जिन्होंने अपने प्राण त्यागते समय हे राम ही कहा था। सीएम बघेल ने बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा यह तो कहते हैं कि आजादी 2014 के बाद मिली। इससे साफ जाहिर होता है कि यह किस संस्कृति के लोग हैं।
बीजेपी को हिन्दुत्व का मुद्दा छिनने का डर
वहीं हिन्दुत्व की बात करने वाली बीजेपी को अब उसके हाथ से ये मुद्दा छिनते नजर आ रहा है। ऐसे में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस को ही अपने निशाने पर लेते हुए कहा यह वही कांग्रेसी और कांग्रेस पार्टी है जिसने भगवान राम को कभी काल्पनिक करार दिया था। इतना ही नहीं अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण में भी रोड़ा बनने का काम कांग्रेसियों ने किया था। अब छत्तीसगढ़ में रामायण महोत्सव हो रहा है वे उसका स्वागत करते हैं, लेकिन ये वही कांग्रेसी हैं ये वहीं कांग्रेस पार्टी है। जिनके नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी तो चुनाव आने से पहले ही मंदिर जाने की उपक्रम करने लगते हैं। राम की पूजा करने लगते हैं। जनेऊ धारण करने जैसे काम करना शुरू कर देते हैं।
किसे मिलेगा सत्ता का प्रसाद?
बता दें सामने चुनाव हैं। ऐसे में दोनों ही पार्टियां राम के सहारे वोट पाने की जुगत भिड़ा रही हैं। सीएम भूपेश बघेल ने स्थानीय और लोक संस्कृति को लेकर राज्य में कई काम किये हैं। आयोजन को भी वे इसी की एक कड़ी बता रहे हैं। ऐसे में हम कह सकते हैं राम सबके तारण हार हैं। सियासत भी इसे खूब समझते हैं। लेकिन राम की जनता को राम के कौन से भक्त पंसद आते है ये देखना महत्वपूर्ण होगा।ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा कि सत्ता का प्रसाद किसे मिलता है। बीजेपी सत्ता का वनवास खत्म कर सरकार बनाएगी या कांग्रेस चुनावी समर में अपने को सिद्ध कर सत्ता बचाने में कामयाब होती है।