छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय होंगे राज्य के नए सीएम, बीजेपी ने इसलिए चुना आदिवासी चेहरा

Chhattisgarh BJP Legislature Party meeting Vishnudev with CM

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के सीएम पद पर नाम का ऐलान कर दिया है। विष्णुदेव साय को प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है। बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में बड़ा दांव खेलते हुए आदिवासी नेता को सूबे का चेहरा बनाया है। विधायक दल की बैठक में विष्णुदेव साय के नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री पद के लिए किया गया। इस प्रस्ताव पर बैठक में मुहर लग गई। इस तरह तमाम अटकलों पर विराम लग गया है। विधायक दल की बैठक में लिए गए इस फैसले में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अर्जुन मुंडा और दुष्यंत कुमार गौतम के अलावा छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रभारी ओम माथुर भी मौजूद रहे।

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की कुनकुरी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आने वाले विष्णुदेव साय को बीजेपी ने नए सीएम के रुप में चुना है। वे किसान परिवार से आते हैं और आदिवासी चेहरा हैं। साय को डॉ.रमन सिंह का करीबी भी माना जाता है। सांसद के साथ केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं साय छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। सरल स्वभाव के विष्णु देव साय की आदिवासी समाज में काफ़ी असर है। राजनीति के साथ ही साय सेवा कार्य में भी उनका योगदान है। विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले की कुनकुरी विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीता है। उन्होंने कांग्रेस के सिटिंग विधायक और संसदीय सचिव यूडी मिंज को चुनाव हराया। 59 वर्षीय विष्णुदेव साय के पिता का नाम रामप्रसाद साय है। वे ग्राम बगिया पोस्ट बंदरचुआ तहसील कांसाबेल जिला जशपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल कुनकुरी,माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश से सन 1981 में 11 वी उत्तीर्ण की है। उनका विवाह कौशल्या साव के साथ हुआ है। विष्णुदेव साय किसान हैं।

विष्णुदेव साय ने अपने राजनीतिक जीवन की यात्रा 1989 में ग्राम पंचायत बगिया के पंच के रूप में शुरु की थी। साल 1990 में उन्होंने पहली बार तपकरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वे इस तरह अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक बने। साल 1999 में 2014 तक लगातार तीन बार,रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले केन्द्र सरकार में साय को केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। साय को पार्टी संगठन में काम करने का भी खासा लंबा अनुभव है। पार्टी संगठन की ओर से साय को साल 2006 और 2020 में दो बार प्रदेशाध्यक्ष का भी दायित्व सौंपा था।

दरअसल बीजेपी राज्य में अपने लिए एक बड़ा आदिवासी चेहरा तलाश रही थी। विष्णुदेव साय के रूप में उसकी तलाश पूरी हो गई है। विष्णुदेव साय के पास करीब 30 साल से अधिक लंबा राजनीतिक अनुभव तो है ही सरल स्वभाव के चलते बीजेपी नेताओं में उनकी अच्छी साख है। वहीं संघ में भी उनकी अच्छी पकड़ है। विष्णुदेव साय को पूर्व सीएम रमन सिंह का भी बेहद करीबी माना जाता है। विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने के बाद कई चेहरों पर पिछले कई दिन से चर्चा चल रही थी। जिनमें आदिवासी के साथ गैर-आदिवासी चेहरे भी शामिल थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.रेणुका सिंह के साथ बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ही नहीं गोमती साय और पूर्व मंत्री लता उसेंडी को लेकर चर्चा जोरों पर थी। लेकिन रविवार 10 दिसंबर को विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगा दी गई। बता दें बीजेपी ने आदिवासी चेहरे पर अपना दांव खेलते हुए विष्णुदेव साय को चुना है। जिनके पास राज्य से लेकर केंद्रीय राजनीति का अच्छा खासा अनुभव है।

अविभाजित मध्य प्रदेश में रहे हैं विधायक

कुनकुरी से विधायक चुने गए विष्णुदेव साय का तीसरा कार्यकाल है। उन्होंने कुनकुरी में कांग्रेस प्रत्याशी मिंज को हराया है। विष्णु देव को 87 हजार 604 वोट मिले जबकि मिंज को 62 हजार 063 वोट हासिल हुए थे। विष्णुदेव साय साल 1990 से राजनीति में है। वे साल 1990 में संयुक्त मध्य प्रदेश में विधायक निर्वाचित हुए थे। विष्णुदेव साय चार बार लोकसभा के लिए चुने गए। साल 2014 से 2019 के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे। इस दौरान अलग-अलग समय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभाई। साल 2019 लोकसभा चुनाव में साय को टिकट नहीं मिला था लेकिन पार्टी ने उनपर भरोसा जताते हुए जून 2020 में छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। जिस पर वे अगस्त 2022 तक इस पद की जिम्मेदारी संभालते रहे। इससे पहले 2010 और 2014 में भी वह छत्तीसगढ़ में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

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