छत्तीसगढ़ राज्य में डेंगू और मलेरिया के साथ डायरिया से मौत का मामला राज्य विधानसभा में गुंजा। स्वास्थ मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट करते हुए जमकर नारेबाजी की, लेकिन सत्ता पक्ष का आरोप है कि कांग्रेस भ्रम फैला रही है। बीमारियों से जीतनी मौत कांग्रेस के शासन में हुई है,उतनी बीजेपी के शासन में नहीं हुई हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
- कांग्रेस ने किया सदन में बवाल
- सियासी बीमारी..! सियासत भारी.!
- सियासी मुद्दा बना मलेरिया-डायरिया
- दवा खरीदी मामले पर सदन में हंगामा
- “कांग्रेस के कार्यकाल में हुईं मौत ज्यादा”
- कांग्रेस के कार्यकाल में बढ़े थे आकंड़े
- कांग्रेस के कार्यकाल में आए तीन गुना मामले!
- कांग्रेस का आरोप नहीं किये जरूरी इंतजाम
- बीमारी की रोकथाम में नाकामी का आरोप
- ‘मलेरिया और डायरिया की भयावह स्थिति’
कांग्रेस का आरोप है कि पूरे प्रदेश में मलेरिया और डायरिया की भयावह स्थिति है और सरकार ने जरूरी इंतजाम नही किए हैं। जबकि राज्य सरकार का कहना है कि प्रदेश में डेंगू, मलेरिया और डायरिया ने निपटने के लिए न केवल स्वास्थ अमले की एक हजार टीम गठित की गई है बल्कि दवाई और जांच का भी पूरा इंतजाम है।
दरअसल राज्य में डेंगू मलेरिया और डायरिया के प्रकोप और बीमारी से लोगों को मौत के मामले को लेकर कांग्रेस विधायक दल ने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश कर उस पर चर्चा की मांग की थी। जिस पर बीजेपी विधायक मोतीलाल साहु के ध्यानाकर्षण के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष ने पक्ष और विपक्ष को चर्चा का मौका दे दिया, और विपक्ष के मंसूबे धरे के धरे रह गये।
हालांकि चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने भाग लिया लेकिन विपक्ष ने सरकार पर डेंगू मलेरिया और डायरिया के रोकथाम और इसके होने वाले मौत को रोकने में नाकामी का आरोप लगाया। विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरण दास महंत, पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों ने सरकार पर नाकामी का आरोप लगाया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि मलेरिया, डेंगू और डायरिया से पूरे प्रदेश में हाहाकार की स्थिति है और सरकार पूरी तरह से विफल है।
सदन में गूंजा बीमारी का मुद्दा
- कांग्रेस विधायक दल ने पेश किया स्थगन प्रस्ताव
- डेंगू,मलेरिया और डायरिया से मौत पर सियासत
- मलेरिया से 15 लोगों की मौत की पुष्टि
- स्वास्थ मंत्री के जवाब से विपक्ष असंतुष्ट
- बीमारी रोकने में नाकाम रहने का आरोप
- स्वास्थ मंत्री पर लगाया गलत बयानबाजी का आरोप
- कांग्रेस विधायकों ने सदन से किया वॉकआउट
मंत्री श्याम बिहारी ने सिरे खारिज किये आरोप
हालांकि विपक्ष के आरोपों को स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिरे से खारिज कर दिया है। स्वास्थ मंत्री का कहना है कि मलेरिया, डेंगू और डायरिया मौसमी बीमारी है। हर साल इसका प्रकोप आता है। उन्होंने इस साल मलेरिया से 15 लोगों की मौत की पुष्टि की लेकिन कहा कि मौत का आंकड़ा पिछली साल की तुलना में कम है। स्वास्थ मंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य में मरेलिया, डेंगू और डायरिया की रोकथाम से लिए स्वास्थ अमले की एक हजार टीम गठित की है। इसके साथ ही राज्य सरकार के छह विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर राज्य के लोगों को स्वास्थ सुविधाएं पहुंचाई जा रह हैं। उन्होंने कहा राज्य में डेंगू, मलेरिया और डायरिया से निपटने के लिए पर्याप्त दवाई और जांच की व्यवस्था के साथ ही स्वास्थ अमला मौजूद है।
स्वास्थ मंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नही हुआ। उसने ने स्वास्थ मंत्री पर सदन में गलत बयानी करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही स्वास्थ मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।