छत्तीसगढ़ में बीजेपी सत्ता पाने के लिए छटपटा रही है। राज्य के सीएम भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव की जोड़ी को सियासी हल्कों में जय और वीरु कहा जा रहा है। पिछली बार काका और बाबा ने चुनाव में बीजेपी को पटखनी दी थी। अब यह जोड़ी एक बार फिर बीजेपी के सामने चट्टान की तरह खड़ी है। ऐसे में विधानसभा चुनाव की कमान अब पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी ने कमान संभाल ली है। अमित शाह लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी भी राज्य की जनता को करोड़ों की सौगात देने पहुंचे है।
- छत्तीसगढ़ में चुनावी सरगर्मी हुई तेज
- बीजेपी के लिए क्षत्रप विहीन है छत्तीसगढ़
- छग है बीजेपी के लिए सबसे कमजोर कड़ी
- मोदी और शाह ने संभाली छग में चुनाव की कमान
- मैदान में मोदी और शाह की जोड़ी
- कांग्रेस ने ली बीजेपी पर चुटकी
- मंत्री मोहम्मद अकबर ने ली चुटकी
- ‘छत्तीसगढ़ में चाहे मोदी आ जाएं या शाह’
- ‘छत्तीसगढ़ में बीजेपी की दाल गलने वाली नही’
- ‘भूपेश सरकार के कामकाज से जनता है संतुष्ट’
इससे पहले गुरुवार को अमित शाह रायपुर में पूरा एक दिन गुजारने के बाद दिल्ली तो रवाना हो गए लेकिन जाते जाते उन्होंने चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया। शाह ने छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और नितिन नवीन को जिम्मेदारी दी है। बताया जा रहा है कि उन्होंने प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी नितिन नबीन को एक प्रारूप दिया है। इस प्रारूप के आधार पर हर विधानसभा की जानकारी को एकत्रित करना है। इसमें हर विधानसभा की रिपोर्ट होगी। कहां बीजेपी मजबूत है और कहां कमजोर। इसके अलावा कांग्रेस के प्रत्याशियों से कहां-कहां नाराजगी है। विधानसभा में मुद्दे कौन से बड़े हैं।
- छग में हैं 90 विधानसभा सीट
- कांग्रेस के पास हैं 71 सीट
- 2018 में बीजेपी को मिली हैं 14 सीट
- लोकल बॉडीज इलेक्शन में कांग्रेस का दबदबा
- सभी 14 नगर निगम पर कांग्रेस का है कब्जा
- 2018 में कांग्रेस को मिले 43.2 प्रतिशत वोट
- बीजेपी की झोली में आए थे 32.9 प्रतिशत वोट
इस बार नहीं रहेगी 2018 वाली कमी
बता दें छत्तीसगढ़ में 2018 के चुनाव में 15 साल तक सत्ता में रही बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। तत्कालीन सीएम डॉ.रमन सिंह भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की जोड़ी के सामने टिक नहीं सके। लिहाजा इस बार 2023 के चुनाव में बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। लगातार केंद्रीय मंत्री छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं। अमित शाह 13 दिन में दूसरी बार रायपुर पहुंचे थे। अब वे 14 जुलाई को एक बार फिर रायपुर आयेंगे। इससे पहले अमित शाह ने कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचकर पूर्व सीएम रमन सिंह के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और अन्य वरिष्ठ नेताओं को साथ अलग अलग और फिर सामुहिक चर्चा की और चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप दिया। इस दौरान उन्होंने सभी बड़े नेताओं की भूमिका और सीमाएं भी तय की और सबको साथ मिलकर 2023 के विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए आगे बढ़ने के निर्देश दिए।
कांग्रेस का दावा-नहीं गलेगी बीजेपी की दाल
दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने पीएम मोदी और अमित शाह के दौरे पर कहा है कि छत्तीसगढ़ में चाहे मोदी आ जाएं या शाह। छत्तीसगढ़ में बीजेपी की दाल गलने वाली नही है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि राज्य में प्रदेश सरकार की ओर से किए गए कामकाज से प्रदेश की जनता पूरी तरह से संतुष्ट है। राज्य में अगली सरकार भी कांग्रेस की ही बन रही है।
दिलचस्प होगी आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ में चुनाव
कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में 2023 का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होने वाला है। क्योंकि एक तरफ तो जय और वीरू की जोड़ी फिर से तैयार है। फिलहाल छत्तीसगढ़ में मोदी और शाह की जोड़ी मैदान में है। इसका संगठन में कितना असर होगा। यह आने वाले कुछ महीनों में पता चलेगा।